Service Voter: पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बजने जा रहा है, चुनाव आयोग पांचों राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा. जिसके बाद चुनाव को लेकर तमाम तरह की तैयारियां शुरू हो जाएंगीं. चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी. ऐसे में चुनाव को लेकर लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं. एक सवाल ये भी है कि आखिर सर्विस वोटर कौन होते हैं, जो बिना पोलिंग बूथ पर जाए ही अपना वोट डाल देते हैं.?


कौन होते हैं सर्विस वोटर?
दरअसल मुख्य तौर पर सेना या फिर अर्धसैनिक बलों के लिए ये टर्म यूज किया जाता है. लगभग सभी सुरक्षाबलों के लिए सर्विस वोटिंग का ही इस्तेमाल होता है. इसके अलावा जिन सरकारी कर्मचारियों की वोटिंग के दौरान किसी और जगह ड्यूटी होती है, वो भी सर्विस वोटर होते हैं. इनमें सरकार के अलग-अलग विभागों के लोग शामिल हो सकते हैं, जो पोस्टल वोटिंग के जरिए वोट डालते हैं. 


सर्विस वोटर कैसे डालते हैं वोट?
अब सवाल है कि अगर सर्विस वोटर पोलिंग बूथ पर नहीं पहुंच सकते हैं तो वो वोटिंग में कैसे हिस्सा लेते हैं. दरअसल ऐसे वोटर्स के लिए एक मेल भेजा जाता है, जिसे फॉर्म-2, 2ए और फॉर्म 3 कहा जाता है. इसका प्रिंट आउट निकालकर इसमें टिक मार्क करना होता है. यानी जिस उम्मीदवार या पार्टी को वोट करना है उसके आगे टिक करना होता है. इसके बाद इसे एक लिफाफे में बंद कर अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अधिकारी को भेज दिया जाता है. ईवीएम में मौजूद वोटों की काउंटिंग के बाद इन वोटों की गिनती होती है. 


फॉर्म की अगर बात करें तो तीनों सेनाओं के जवानों के लिए फॉर्म-2 होता है. इसके अलावा पुलिस फोर्स और बाकी फोर्सेस के लिए फॉर्म-2ए होता है. सरकारी कर्मचारी जो देश से बाहर हैं, उनके लिए फॉर्म-3 होता है, जिसे भरकर वो अपने निर्वाचन क्षेत्र में भेजते हैं.


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