तेजी से दुनिया की तरफ बढ़ रही है ये तबाही, जानें कौन सा शहर हो सकता है एक झटके में बर्बाद
धरती रहस्यों से भरी हुई है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे तबाही के बारे में बताने वाले हैं, जो धीरे-धीरे करके धरती की तरफ बढ़ रहा है. जानिए इस झटके का सबसे अधिक असर किस देश पर पड़ेगा.

धरती रहस्यों से भरी हुई है. कब कहां क्या होगा ये पता लगाना मुश्किल होता है. हालांकि बहुत सारे वैज्ञानिक इसको लेकर खोज करते रहते हैं. लेकिन आज हम आपको एक तबाही के बारे में बताने वाले हैं, जो धीरे-धीरे पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. जी हां, वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि आने वाले समय में ये तबाही पृथ्वी के पास पहुंच सकती है.
जानिए क्या है ये
बता इस तबाही को समझने के लिए पहले पुराने घटनाक्रम पर नजर डालनी होगी. दरअसल साल 1908 में सोवियत संघ के साइबेरियाई इलाके में एक ऐस्टरॉइयड गिरा था, जिसने 2000 वर्ग किलोमीटर इलाके में तबाही मचा दी थी. उस ऐस्टरॉइड के जमीन के टकराने से लाखों पेड़-पौधे जड़ से उखड़ गए थे. हालांकि गनीमत ये थी कि साइबेरिया का वो इलाका बेहद सुनसान था. जिससे तबाही का ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था. लेकिन अब फिर वैज्ञानिकों ने इसको लेकर चेतावनी जारी किया है.
क्या है इस ऐस्टरॉइड का नाम?
अब सवाल ये है कि इस ऐस्टरॉइड का नाम क्या है. बता दें कि वैज्ञानिकों ने इस तबाही यानी ऐस्टरॉइड का नाम वैज्ञानिकों ने 2024 YR4 नाम रखा है. वहीं उन्होंने ऐस्टरॉइड की रफ्तार और सभी अंतरिक्ष जटिलताओं की गणना कर पता लगाया है. जिसके मुताबिक इस ऐस्टरॉइड का साल 2032 में पृथ्वी से टकराने की आशंका बन रही है. जिसके पृथ्वी पर काफी गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं और हमारे ग्रह को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है.
UAE के वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
संयुक्त अरब अमीरात के एक खगोलविद ने भी इस ऐस्टरॉइड को पृथ्वी की ओर बढ़ते देखा है. दुनियाभर के ताकतवर वेधशालाओं से इस ऐस्टरॉइड पर लगातार नजर बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने अलग-अलग देशों के वैज्ञानिकों से इस खतरे पर नजर रखने को कहा है. बता दें कि 2024 YR4 कोड नाम वाले इस ऐस्टरॉइड की खोज सबसे पहले यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) की प्लेनेट्री डिफेंस ऑफिस ने की थी. जिसने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि 22 दिसंबर, 2032 को ऐस्टरॉइड के धरती के पास से सुरक्षित रूप से गुजरने की करीब 99 प्रतिशत संभावना है.
पृथ्वी पर कहां पड़ेगा इसका असर
अंतरिक्ष एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट के मुताबिक इस तबाही का असर कहां पड़ेगा, ये कहना मुश्किल है. रिपोर्ट में बताया गया कि इसकी दूरी के मुताबिक यह पश्चिमी-मध्य अमेरिका से लेकर उत्तरी-दक्षिण अमेरिका या फिर मध्य अटलांटिक महासागर और अफ्रीका के कुछ हिस्सों से होते हुए भारत तक पहुंचने वाली एक संकीर्ण पट्टी में पृथ्वी से टकरा सकता है.
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