Asteroid: अंतरिक्ष में हजारों किलोमीटर की तेज रफ्तार से न जाने कितने छोटे बड़े पिंड गति करते रहते हैं. इनमें से कुछ छोटे-छोटे पिंड अक्सर धरती पर गिरते रहते हैं, जिनसे कुछ खास नुकसान नहीं होता है. लेकिन अगर इनका आकार बड़ा हो तो ये भयंकर तबाही मचा सकते हैं. कुछ पिंड धरती से कुछ दूरी से गुजर जाते हैं. ऐसा ही एक खतरनाक उल्का पिंड खगोलशास्त्रियों को स्पेस से धरती की तरफ आता दिखा है. खतरनाक इसलिए क्योंकि यह एफिल टावर के आकार के दो गुना से भी ज्यादा बड़ा है.


चांद से भी 8 गुना दूर है


रिपोर्ट्स में बताया गया था कि यह एस्टेरॉयड रविवार यानी 11 जून या 12 जून को 2023 को किसी समय धरती के पास से गुजरेगा. वैज्ञानिकों ने इसकी पृथ्वी से दूरी करीब 31 लाख किलोमीटर बताई है. यह दूरी पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी से लगभग 8 गुना अधिक है. यानी यह चांद से भी 8 गुना दूर है. अब आप सोच रहे होंगे कि इतनी दूरी होने पर हमें क्या ही खतरा होगा. 


धरती पर मचा सकता है तबाही इतना बड़ा एस्टेरॉयड


इतने बड़े एस्टेरॉयड की दिशा अगर किसी भी वजह से बदल जाए तो ये धरती को राख में बदल सकता है. एफिल टॉवर से लगभग ढाई गुना बड़ा ऐसा एस्टेरॉयड धरती से टकराकर भयानक तबाही ला सकता है. रिपोर्ट में जिस एस्टेरॉयड के बारे में  बताया गया था उसका नाम 1994XD है, जो 1200 से 2700 फीट चौड़ा है. वहीं, एफिल टावर का साइज करीब 1000 फीट ही है.


क्यों इसे खतरनाक कहा गया?


दरअसल, एक समस्या यह भी है कि ये एस्टेरॉयड अकेला नहीं है, बल्कि इसका चांद भी इसके साथ है. जो इसके चारों ओर चक्कर लगाता है. ऐसे में इसका धरती के बगल से गुजरना बेहद खतरनाक स्थिति है. नासा के मुताबिक, भले ही यह पृथ्वी से एक सुरक्षित दूरी पर हो, लेकिन इसका आकार और धरती से दूरी देखते हुए इसे खतरनाक एस्टेरॉयड की श्रेणी में ही रखा गया. 


1000 सालों तक नहीं टकराएगा कोई एस्टेरॉयड


हालांकि, वैज्ञानिकों ने अपनी गणना के आधार पर बताया है कि अगले हजार सालों तक किसी भी एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की आशंका नहीं है. लेकिन अगर किसी भी एस्टेरॉयड की दिशा और गति में थोड़ा भी बदलाव होता है तो वह पृथ्वी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.


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