अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अभी भी स्पेस में फंसे हुए हैं. लेकिन जानकारी के मुताबिक अब इनकी वापसी अगले साल तक ही संभव है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी इस साल संभव नहीं है. अब सवाल ये है कि अगले साल भी नासा सुनीता और उनके साथी बुच को वापस धरती पर कैसे लेकर आएगा. जानिए किसी स्पेसक्रॉफ्ट को आईएसएस में भेजने पर कितना खर्च होता है. 


स्पेस 


गौरतलब है कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जून 2024 में बोइंग विमान में सवार होकर स्पेस स्टेशन पर पहुंचे थे. बोइंग स्टारलाइनर के कैप्सूल में खराबी आने की वजह से इनकी वापसी को टाल दिया गया था. वहीं नासा के प्रमुख बिल नेल्सन का कहना है कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अब स्पेसएक्स के रॉकेट में सवार होकर पृथ्वी पर वापस लौटना होगा. उन्होंने बताया कि स्टारलाइनर के प्रपल्शन सिस्टम खराब हैं, ऐसे में इस यान से अंतरिक्ष यात्रियों का धरती पर लौटना काफी जोखिम भरा है.


2025 तक वापसी


नासा ने बताया कि फरवरी 2025 में दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी पर लौटने की उम्मीद है. नासा ने बताया कि अगले महीने एक नियमित अंतरिक्ष यात्री रोटेशन मिशन के हिस्से के रूप में स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन को लॉन्च किया जाएगा. इस यान की चार सीटों में से सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के लिए दो सीटें खाली रखी जाएंगी. 


आईएसएस पर जाने पर कितना खर्च


अब सवाल ये है कि स्पेस स्टेशन में जाने पर कितना खर्चा होता है. स्पेस एजेंसी द्वारा लांच करने वाले सभी रॉकेट का खर्चा अलग-अलग होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑर्बिटल रॉकेट की कीमत बहुत ज़्यादा होती. वहीं रॉकेट लैब के इलेक्ट्रॉन स्मॉलसैट लॉन्चर के लिए 7.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर, फ़ॉल्कन 9 लॉन्च के लिए 67 मिलियन अमेरिकी डॉलर (स्पेसएक्स क्रू लॉन्च के लिए प्रति सीट लगभग 55 मिलियन अमेरिकी डॉलर चार्ज करता है), डेल्टा IV हैवी के लिए 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर और SLS (स्पेस लॉन्च सिस्टम) के लिए 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होता है. 


स्पेस में कई समस्या


अब 80 दिनों से अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स और उनके साथ बुच फंसे हुए हैं. हालांकि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पूर्व सैन्य परीक्षण पायलट हैं और काफी अनुभवी हैं. ये दोनों अंतरिक्ष यात्री बोइंग स्टारलाइनर की सवारी करने वाले पहले पायलट थे. उन्होंने 5 जून को 8 दिनों के लिए आईएसएस के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन बोइंग विमान के प्रपल्शन सिस्टम में खराबी आने की वजह से वे पिछले 80 दिनों से अंतरिक्ष में फंसे हैं. जानकारी के मुताबिक इतने लंबे दिनों तक स्पेस में रहने के कारण दोनों ही अंतरिक्षयात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. 


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