भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स कई दिनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसी हुई हैं. उन्हें धरती पर वापिस आने में अभी और कितने दिन लगेंगे, इसके बारें कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता.
ऐसे में इंटरनेट पर लोग एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और अंतरिक्ष यात्रियों से जुड़ी हर जानकारी के बारे में गंभीरता से पढ़ रहे हैं. चलिए इसी कड़ी में हम आपको बताते हैं कि आखिर स्पेस में जाते ही धरती का स्वादिष्ट से स्वादिष्ट खाना भी फीका कैसे और क्यों हो जाता है.
खाना स्वादहीन कैसे हो जाता है?
ऑस्ट्रेलिया की आरएमआईटी यूनिवर्सिटी ने हाल ही में इस पर एक रिसर्च की है. इस रिसर्च में शोधार्थी ये पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर स्पेस में अंतरिक्षयात्रियों को भूख क्यों नहीं लगती है. इस रिसर्च को करने के लिए रिसर्चर्स वीआर और स्पेस शिप के सिम्युलेटेड माहौल का इस्तेमाल किया और पता लगाने की कोशिश की कि आखिर ऐसा क्यों होता है.
रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं को पता चला कि स्पेस शिप में जब कोई अंतरिक्ष यात्री खाना खाता है तो उसको खाने का स्वाद नहीं मिलता. इसके पीछे की वजह वहां ग्रेविटी की कमी को बताया गया. दरअसल, स्पेस में जब एस्ट्रोनॉट्स खाना खाते हैं तो ग्रैविटी की कमी के कारण खाना मुंह से नीचे पेट में जाने के साथ-साथ ऊपर तालू में भी चिपक जाता है.
इसकी वजह से नाक बंद हो जाती है और एस्ट्रोनॉट्स को ना तो खाने की खुशबू मिल पाती है और ना ही खाने का स्वाद. यानी आप अंतरिक्ष में चाहे जितना स्वादिष्ट खाना भेज दें, एस्ट्रोनॉट्स के लिए वो स्वादहीन ही रहेगा.
माहौल का भी पड़ता है असर
इस रिसर्च में ये भी पता चला कि नाक बंद होने के अलावा खाने का स्वाद महसूस ना होने के पीछे वहां का नीरस माहौल भी एक कारण हो सकता है. दरअसल, स्पेस स्टेशन में बहुत ज्यादा जगह नहीं होती है, इसलिए एस्ट्रोनॉट्स को वहीं खाना भी खाना होता है जहां वो काम कर रहे होते हैं. एक ही जगह पर एक ही जैसा खाना रोज-रोज खाने की वजह से एक समय बाद अंतरिक्ष यात्रियों को खाना बेस्वाद लगने लगता है.
क्या बटर चिकन या मालपुआ स्पेस में ले जा सकते हैं?
जिस तरह का बटर चिकन या मालपुआ आप धरती पर खा सकते हैं, वैसे स्पेस में ले जाना लगभग नामुमकिन है. दरअसल, स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स के लिए जो खाना भेजा जाता है वो पाउडर फॉर्म में होता है या फिर वह पूरी तरह से ड्राई होता है. ऐसा इसलिए ताकि वह ज्यादा दिनों तक चल सके. खासतौर से ऐसी खाने वाली चीजें जो लिक्विड फॉर्म में होती हैं उन्हें स्पेस स्टेशन में पाउडर फॉर्म में ही भेजा जाता है. अंतरिक्ष यात्री इसमें गर्म पानी मिलाकर फिर इसका सेवन करते हैं.
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