चांद पर मौजूद इस चीज़ से हमेशा बचते हैं एस्ट्रोनॉट, जिसने छुआ उसकी मौत तय है!
1972 में नासा की एस्ट्रोनॉट हैरिसन स्मिता जो ओपोलो 17 मिशन का हिस्सा थीं, इस खतरनाक चीज़ की शिकार हो गई थीं. इनकी जान जाते जाते बची थी.
![चांद पर मौजूद इस चीज़ से हमेशा बचते हैं एस्ट्रोनॉट, जिसने छुआ उसकी मौत तय है! Astronauts always avoid the moon dust present on the moon whoever touches it is certain to die चांद पर मौजूद इस चीज़ से हमेशा बचते हैं एस्ट्रोनॉट, जिसने छुआ उसकी मौत तय है!](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/23/fc83d733dfd75ef06d9ab767ddff55821695476099377617_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
चांद पर चंद्रयान 3 के पहुंचने के बाद से ही भारतीय लोगों की दिलचस्पी चांद में बढ़ गई है. लोग अब चांद के बारे में सबकुछ जानना चाहते हैं. यही वजह है कि आज हम आपको चांद की एक ऐसी चीज के बारे में बताने वाले हैं, जिससे एस्ट्रोनॉट हमेशा दूर रहते हैं. ये इतना खतरनाक होता है कि अगर गलती से भी किसी एस्ट्रोनॉट के अंदर चला जाए तो उसकी जान भी जा सकती है.
क्या है ये खतरनाक चीज़
ये खतरनाक चीज़ कुछ और नहीं बल्कि चांद की मिट्टी है. इसे वैज्ञानिक गन पाउडर भी कहते हैं. ये पृथ्वी के मिट्टी जैसी नहीं होती, ये इतनी खतरनाक होती है कि अगर किसी इंसान के अंदर इसका एक कण भी चला जाए तो उसकी जान जा सकती है. अंग्रेजी में मून डस्ट के नाम से जाना जाने वाला ये पदार्थ पृथ्वी के हर इंसान के लिए जहर से कम नहीं है.
कितना खतरनाक होता है मून डस्ट
नासा की एस्ट्रोनॉट केट ग्रीन अपने एक इंटरव्यू में बताती हैं कि मून डस्ट का निर्माण चांद पर लाखों उल्पापिंडों के टकराने से हुआ. इसमें सिलिका और आयरन जैसे मेटल भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. अब आते हैं इस बात पर कि ये खतरनाक कैसे बना. दरअसल, चांद पर ना तो हवा है, ना ही पानी ऐसी स्थिति में मून डस्ट समय के साथ साथ बहुत शार्प हो जाती है. और जब ये किसी के अंदर जाती है तो बेहद खतरनाक हो जाती है.
इस एस्ट्रोनॉट की जान जाते जाते बची
1972 में नासा की एस्ट्रोनॉट हैरिसन स्मिता जो ओपोलो 17 मिशन का हिस्सा थीं, इस खतरनाक चीज़ की शिकार हो गई थीं. दरअसल, जब स्मिता चांद पर उतरीं तो स्पेस क्राफ्ट में वापसी के समय उनके स्पेस सूट में चिपक कर बहुत थोड़ा सा मून डस्ट आ गया. थोड़े समय बाद ये मून डस्ट सांस के जरिए स्मिता के अंदर चला गया. ऐसा होने के कुछ ही मिनटों बाद स्मिता की आंखें लाल हो गईं, उनके नाक से पानी गिरने लगा और सासं लेने में दिक्कत होने लगी. वहां मौजूद अन्य एस्ट्रोनॉट्स ने बड़ी मुश्किल से स्मिता की जान बचाई. तब से ही एस्ट्रोनॉट्स इस खतरनाक चीज़ से हमेशा दूर रहते हैं.
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