चीन स्पेस सेक्टर में अपने पांव तेजी से पसार रहा है. चीन चाहता है कि आने वाले समय में वह अंतरिक्ष में अमेरिका को पछाड़ दे. इसी मक्सद से उसने हाल ही में अपने तीन एस्ट्रोनॉट्स तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा है.


इन तीन एस्ट्रोनॉट्स की बात करें तो इसमें कमांडर काई शूझे और दो नए अंतरिक्ष यात्री, सॉन्ग लिंगडोंग और वांग हाओजे शामिल हैं. ये लोग लगभग 6 महीने तक तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे और वहां कई प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे. इसके अलावा ये एस्ट्रोनॉट्स स्पेस वॉक भी करेंगे. चलिए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.


स्पेस वॉक होता क्या है?


स्पेस वॉक को "एक्सट्राव्हीक्युलर एक्टिविटी" (EVA) भी कहा जाता है. इसका मतलब होता है कि एस्ट्रोनॉट अपने स्पेस स्टेशन या स्पेस क्राफ्ट से बाहर निकल कर खुले अंतरिक्ष में काम करते हैं या किसी चीज की जांच करने के लिए जाते हैं. खुले अंतरिक्ष में किए गए इस काम को ही विज्ञान की भाषा में स्पेस वॉक कहा जाता है.


स्पेस वॉक कैसे शुरू हुआ


स्पेस वॉक के इतिहास की बात करें तो ये 1965 में शुरू हुआ, जब सोवियत एस्ट्रोनॉट एलेक्सेई लेओनॉव ने पहली बार अंतरिक्ष में कदम रखा. उन्होंने फैसला किया कि वह अपने स्पेस सूट में अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर निकलेंगे. वह पहली बार खुले अंतरिक्ष में निकले भी और लगभग 12 मिनट तक वहां काम भी किया. इसके बाद, 1966 में अमेरिका के नासा ने अपने पहले EVA प्रोग्राम का आयोजन किया. कहा जाता है कि इसके बाद से ही स्पेस वॉक स्पेस विज्ञान में एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया.


स्पेस वॉक के लिए कैसा सूट होता है


स्पेस वॉक करने के लिए, एस्ट्रोनॉट को खास तरह से डिज़ाइन किया गया स्पेस सूट पहनना होता है. ये सूट कई तरह की विशेषताओं से लैस होता है, जैसे कि तापमान नियंत्रण, ऑक्सीजन की आपूर्ति और सुरक्षा उपकरण. इसके अलावा एस्ट्रोनॉट्स जब अपने अंतरिक्ष यान से बाहर निकलते हैं तो उनका सूट एक केबल के माध्यम से स्पेस क्राफ्ट से जुड़ा होता है. ऐसा इसलिए, ताकि एस्ट्रोनॉट स्पेस में बह ना जाएं.


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