जब भी एटीएम से पैसे निकालते हैं तो कई लोगों को इस ट्रांजेक्शन की रसीद लेने की आवश्यकता होती है और कई बार कुछ जरुरतों की वजह से ऐसा करते हैं. मिनी स्टेटमेंट जैसे ट्रांजेक्शन में भी एटीएम से रसीद निकालनी होती है. इसके साथ ही टोल पर टैक्स देने के बाद भी रसीद की जरुरत होती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं इन रसीदों में जिस पेपर का इस्तेमाल होता है, वो आपकी हेल्थ के लिए काफी खतरनाक है. यहां तक कहा जाता है कि ये खास कागज कई बार कैंसर का कारण भी बन जाता है.
ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर इन रसीदों के कागज में ऐसा क्या होता है कि वो खतरनाक है. साथ ही जानते हैं कि वो वे किस तरह कैंसर का कारण बनता है और पढ़ते हैं इस कागज की कहानी... और एक्सपर्ट इस मामले में क्या कहते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ रिसर्च में सामने आया है कि नॉर्मल स्टोर्स, एटीएम और टोल आदि में रसीद के लिए जिन पतले से कागज का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें एक कैमिकल का इस्तेमाल होता है. इन कैमिकल में बिस्फेनॉल ए या बीपीए आदि शामिल हैं, जो इंसानों के लिए खतरनाक है. अमेरिका की एक संस्था की ओर से की गई रिसर्च के हिसाब से बिस्फेनॉल ए (बीपीए) और बिस्फेनॉल एस (बीपीएस) में ज्यादा कॉन्सेट्रेशन्स होते हैं, जो रिप्रोडेक्टिव हार्म से जुड़े हैं. इससे हमारे हार्मोंन्स पर असर पड़ता है.
इकोलॉजी सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने अमेरिका में कई राज्यों में इसकी जांच की और पता चला कि अधिकतर जगह कैमिकल वाले कागज का इस्तेमाल हो रहा था. उन्होंने पाया कि करीब 80 फीसदी रसीदों में बिस्फेनॉल (बीपीएस या बीपीए) की मौजूदगी थी. भारत में कुछ साल पहले कुछ रिसर्च में ये जानकारी सामने आ चुकी है.
बताया जाता है कि अगर कागज पांच सेकंड तक हाथ मे रहे तो 1 माइक्रोग्राम बीपीए हमारी उंगलियों में लग जाता है. इसके बाद ये शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और इनकी अधिकता से शरीर में ब्रेस्ट कैंसर, शुक्राणुओं में गिरावट, मोटापा, डायबिटीज, इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. अब कुछ जगह इस तरह के पेपर पर पाबंदी लगाई गई है. भारत में भी कई डॉक्टर्स ने माना है कि इन पेपर पर की गई कोटिंग शरीर के लिए खतरनाक है.
ये भी पढ़ें- इस लेक में मिलते हैं इंसान के कंकाल, किन लोगों की हैं ये हड्डियां? दिल्ली से है सिर्फ 350 KM दूर