औरंगजेब ने सिर्फ ध्वस्त ही नहीं किए मंदिर, इन मंदिरों के लिए जमकर किया था दान
औरंगजेब की छवि एक कट्टर मुस्लिम शासक की रही है. हालांकि, कुछ इतिहासकारों का दावा इससे इतर है. इतिहासकारों का कहना है मुगल काल के सभी शासकों में सबसे ज्यादा हिंदू अधिकारी औरंगजेब के ही दरबार में थे.

Aurangzeb Tomb Controversy: मुगल काल के सबसे क्रूर शासक औरंगजेब को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में उसकी कब्र को हटाने की मांग होने लगी है. खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसका समर्थन किया है. वहीं कुछ हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र पर कारसेवा की चेतावनी भी दे डाली है, जिसके बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.
औरंगजेब की छवि ऐसे मुगल शासक की है, जिसे हिंदुओं से नफरत थी. उसने अपने शासनकाल में कई हिंदुओं का कत्लेआम किया और इतिहास में यह दर्ज है कि औरंगजेब ने कई हिंदू मंदिरों को तोड़ने और हिंदू त्योहारों का न मनाने का आदेश भी जारी किया था. इस बीच इस ऐतिहासिक तथ्य की चर्चा ने भी जोर पकड़ लिया है कि औरंगजेब ने अगर हिंदू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया तो उसने कई हिंदू मंदिरों में जमकर दान भी किया था. आइए जानते हैं कि औरंगजेब ने किन हिंदू मंदिरों के लिए दान किया था.
क्या सच में औरंगजेब ने मंदिरों के लिए किया था दान
आम लोगों के बीच औरंगजेब की छवि एक कट्टर मुस्लिम शासक की रही है. हालांकि अमेरिकी इतिहासकार ऑडरी ट्रस्चके का दावा इससे इतर है. उन्होंने अपने किताब 'औरंगजेब: द मैन एंड द मिथ' में लिखा है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में पूरे करीब-करीब पूरे उपमहाद्वीप पर अपना कब्जा जमा लिया था. उसने सिर्फ हिंदू मंदिरों को तोड़ा ही नहीं, बल्कि कई मंदिरों को बनवाया भी था. इसमें चित्रकूट का बालाजी मंदिर, गुवाहाटी का उमानंद मंदिर, उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर, सोमेश्वर मंदिर मुख्य है. इन मंदिरों के लिए औरंगजेब ने जमकर दान दिया था.
क्यों तोड़े थे मंदिर?
औरंगजेब ने 9 अप्रैल, 1669 में हिंदुओं के मंदिरों को गिराने का आदेश दिया था. इतिहासकारों का मानना है कि इसी आदेश के बाद सोमनाथ, काशी विश्वनाथ समेत दर्जनों मंदिरों को गिराया गया था. हालांकि, यह कहना कि औरंगजेब ने सिर्फ हिंदुओं से नफरत और उन्हें नीचा दिखाने के लिए ऐसा किया, यह गलत तथ्य है. इतिहासकार इरफान हबीब का कहना है कि उस वक्त के राजा किसी क्षेत्र को जीतने के बाद प्रतीक के तौर पर मंदिर या मठ बनवाते थे. ऐसे में जब कोई दूसरा राजा उस क्षेत्र को जीतता तो सबसे पहले वह उन प्रतीकों को नष्ट करता था. ऐसा औरंगजेब ही नहीं अन्य राजाओं ने भी किया था. कुछ इतिहासकारों का कहना है मुगल काल के सभी शासकों में सबसे ज्यादा हिंदू अधिकारी औरंगजेब के ही दरबार में थे, इसलिए यह तथ्य पूरी तरह सही नहीं है कि वह हिंदुओं से नफरत करता था.
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