Aurangzeb Tomb Row: औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. नागपुर के महाल और हंसपुरी में सोमवार की रात हिंसा भड़क गई और इस वजह से कई लोग घायल हुए हैं. हिंसा के क्षेत्र में कर्फ्यू लगा हुआ है. दरअसल वहां औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर दक्षिणपंथी समूहों ने जमकर विरोध जताया और विरोध स्वरूप हरे रंग के कपड़े को जलाया. इससे अफवाह फैली कि इस्लाम की पवित्र पुस्तक को जलाया गया है. इसी वजह से तनाव बढ़कर हिंसा शुरू हो गई. अब आप ये भी जान लीजिए कि आखिर मुसलमानों में हरे रंग का इस्तेमाल क्यों होता है और इसका इतिहास क्या है. 


मुसलमानों को क्यों प्रिय है हरा रंग


कुरान को इस्लाम की सबसे पवित्र पुस्तक माना जाता है. इस किताब की सूरह इंसान की आयत नंबर 21 में अल्लाह ने हरा लिबास जन्नती लोगों का बताया है. वहीं हरे रंग को लेकर हदीस के संग्रह की किताब- सुनन अबू दाऊद में लिखा गया है कि हजरत अबू रमसा (रजी) बयान करते हैं जब मैं अपने पिता के साथ पैगंबर मोहम्मद के पास गया तो मैंने पैगंबर मोहम्मद पर सब्ज यानि हरे रंग की दो चादरें देखीं. 


हरे रंग का इतिहास


प्राचीन मिस्र से लेकर आधुनिक समय तक, हरे रंग का इतिहास रंग के रूप में अलग और जटिल रहा है. ये उर्वरता, जीवन, और प्रकृति से जुड़ा है, लेकिन साथ ही इसको ईर्ष्या और बीमारी से भी जोड़ा जाता है. यूनानियों ने वर्डीग्रिस नामक हरे रंग के रंगद्रव्य का उपयोग किया, जो तांबे के साथ शराब को मिलाकर बनाया जाता था. रोमनों ने हरे रंग को जीत और वसंत से जोड़ा, और अपने विजयी सेनापतियों के लिए हरे रंग के लॉरेल का इस्तेमाल किया. वहीं मध्य युग के दौरान हरे रंग के दो अर्थ थे. यह दरबारी प्रेम और इसके विपरीत ईर्ष्या और बीमारी दोनों का प्रतीक था. वहीं मुस्लिम संस्कृति में हरा रंग जन्नत और पैगंबर मुहम्मद का पसंदीदा रंग माना जाता था.


हरे रंग के पीछे साइंस


इस्लाम में तो हरा रंग पवित्र माना जाता है, लेकिन इसके अलावा इस रंग को लेकर विज्ञान के भी कुछ तर्क हैं. हरा रंग विजुअल स्पेक्ट्रम में 520-570 नैनोमीटर के तरंगदैर्ध्य के बीच आता है. यह रंग इंसानों की आंखों के लिए अच्छा माना जाता है. इस रंग से आंखों में तनाव कम मबसूस होता है.