आपने कभी सुना है कि कोई देश अपनी मौजूद जगह से खिसक रहा है? दरअसल ये बात सच है. साल दर साल ऑस्ट्रेलिया अपनी जगह से खिसकता जा रहा है. जिसकी वजह से ये अपने नक्शे में भी बदलाव करता जा रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ये हो कैसे रहा है और यदि ये इसी तरह आगे बढ़ता रहा तो धीरे-धीरे कहां पहुंच जाएगा. चलिए आज इसके पीछे की वजह जानते हैं.
साल दर साल अपनी जगह से खिसक रहा ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया और बड़ी ऑस्ट्रेलियाई प्लेट हर साल धीरे-धीरे लगभग 1.5 से 2.2 इंच उत्तर की ओर खिसकती रहती है, ये प्लेट पहले गोंडवाना नामक एक प्राचीन महाद्वीप से जुड़ी हुई थी, लेकिन 100 मिलियन साल पहले एक विखंडन हुआ, जिसके बाद भारतीय प्लेट तेजी से टूटकर उत्तर की ओर बढ़ गई.
इसके बाद 85 मिलियन साल पहले ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका एक दूसरे से अलग होने लगे. ये प्रक्रिया शुरुआत में काफी धीमी गति से हुए, जिसमें 40 मिलियन साल लग गए. वहीं 45 मिलियन साल पहले स्थिति ये आ गई कि ऑस्ट्रेलियाई प्लेट, भारतीय प्लेट के साथ उत्तर की ओर चली गई, ऑस्ट्रेलिया की ये यात्रा जो आज भी जारी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, ये संभवतः अपने मार्ग पर तब तक चलती रहेगी जब तक कि ये पूर्वी चीन से टकराकर एक विशाल पर्वत श्रृंखला का निर्माण नहीं कर लेती.
हर साल इतना खिसक रहा ऑस्ट्रेलिया
बता दें कि हर साल ऑस्ट्रेलिया लगभग 1.5 इंच खिसक रहा है. ऐसे में उपग्रहों द्वारा ऑस्ट्रेलिया के स्थान को मापने और उसका दस्तावेजीकरण करने के तरीके में सुधार हो रहा है, क्योंकि प्लेटों के आगे बढ़ने से ऑस्ट्रेलिया भी आगे बढ़ रहा है ऐसे में पिछले नक्शे में ये कुछ और, वहीं हकीकत में कुछ और नजर आएगा. ऐसे में इसके नक्शे में सुधार बहुत जरुरी है.
वहीं ऑस्ट्रेलिया में स्थित जियो साइंस का कहना है कि ऑस्टेलिया एक मीटर से भी अधिक खिसक चुका है, ये सब प्लेट टेक्टॉनिक क्रिया के कारण हो रहा है. हालांकि उनका ये भी मानना है कि ये कोई घबराने की स्थिति नहीं है. वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती में मौजूद प्लेटों का सात प्लेटों में बांटा गया है, जो अपनी मौजूदा जगह से खिसकती रहती हैं. ये सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यदि ये ज्यादा बढ़ जाए तो परेशानी की वजह बन सकती है.
यह भी पढ़ें: लैपटॉप का चार्जर दो हिस्सों में क्यों बंटा होता है, क्या किसी खास वजह से किया जाता है ऐसा?