अगर प्लेन उड़ाते समय पायलट को नींद आ जाए तो क्या होगा? क्या फिर भी उड़ता रहेगा हवाई जहाज
Aeroplane Autopilot Mode: आजकल विमान ऑटोपायलट की तकनीक से लैस हैं. पायलट आसमान में पहुंच कर ऑटोपायलट मोड ऑन कर देते हैं. आइए जानते हैं यह कैसे काम करता है...
Airplane facts: हवाई जहाज यातायात के सबसे तेज साधनों में से एक है. विमान में सवार यात्रियों की जिम्मेदारी पायलट पर होती है. सोचिए क्या होगा अगर विमान को उड़ाने के बाद पायलट ही सो जाए!... ऐसा ही एक वाकया इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में देखने को मिला था. जब इथियोपियन एयरलाइंस के एक विमान के पायलट 37000 फीट की ऊंचाई पर सो गए थे. पायलट इतनी गहरी नींद में थे कि उन्होंने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से मिली चेतावनी को भी नजरअंदाज कर दिया था. इससे विमान लैंडिंग 25 मिनट ज्यादा देरी से हुई. ऐसे में आइए जानते हैं कि प्लेन का पायलट जब सो जाता है तो यह ऑटो पायलट पर कैसे उड़ता है...
कब करते हैं ऑटोपायलट
आजकल विमान ऑटोपायलट की तकनीक से लैस हैं. फ्लाइट के टेक ऑफ के बाद निर्धारित ऊंचाई पर पहुंचने पर अगर मौसम साफ है और कोई खतरा नहीं है तो पायलट ऑटोपायलट की सुविधा को चालू कर देते हैं. इसके बाद पायलट को केवल विमान की गतिविधियों पर नजर रखनी होती है बाकी काम ऑटोपायलट खुद करता रहता है. ऐसे में बहुत सी बार थकान की वजह से पायलट आंखें झपकाते हैं और जाने-अनजाने गहरी नींद में सो जाते हैं.
अगर एयरपोर्ट पीछे छूट जाए?
ऑटोपायलट के चालू होने पर विमान को उसके लक्ष्य तक पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी कंप्यूटर की होती है. जब प्लेन निर्धारित हवाई अड्डे के पास पहुंचता है तो ऑटोपायलट को डिस्कनेक्ट करना होता है. डिस्कनेक्ट होते ही विमान का पूरा नियंत्रण फिर से पायलट के हाथ में आ जाता है. अगर पायलट सो गए हैं और निर्धारित हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद ऑटोपायलट को बंद नहीं किया जाता है तो कॉकपिट में एक हूटर जोर से बजने लगता है. जो पायलट को इस बात से अवगत कराता है कि आप अपनी मंजिल को पार कर चुके हैं. ऐसे में, हूटर की आवाज सुनते ही पायलट तुरंत सतर्क हो जाते हैं और विमान को नजदीकी एयरपोर्ट पर उतारने की कोशिश करते हैं.
ऑटोपायलट भी हो सकता है खतरनाक
ऑटोपायलट की सफलता पायलट के ज्ञान और अनुभव पर निर्भर करती है. अगर इसे गलत तरीके से प्रोग्राम किया गया है तो यह किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है. अमेरिकी वायु सेना के पूर्व पायलट और विमानन विशेषज्ञ अर्ल वेनर बताते हैं कि ऑटोपायलट एक प्रकार के गूंगे और कमांडिंग सैनिक होते हैं. उन्होंने बताया कि अगर उन्हें गलत इनपुट दिया जाता है तो वह इसे भी स्वीकार करते हैं. यानी वह आपको मौत के मुंह में भी लेकर जा सकता है. अगर आप विमान उड़ाने की कला में पूरी तरह से निपुण नहीं हैं तो आपको ऑटोपायलट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
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