Ayodhya Ram Mandir Prana Pratishtha: इस आंदोलन की आंच में पूरा देश झुलसा था. सैकड़ों ने सीने पर गोलियां खाईं तो हजारों ने अपना लहू पानी की तरह बहा दिया. बात हो रही है राम जन्मभूमि यानी अयोध्या की, जो 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करके पूरी दुनिया को भगवान राम के अस्तित्व से रूबरू कराने की तैयारी कर रहा है. इस कार्यक्रम के लिए सात हजार से ज्यादा वीवीआईपी और वीआईपी को न्यौता दिया गया है, लेकिन सवाल यह है कि आम आदमी के लिए राम मंदिर दर्शन की क्या व्यवस्था है? उस शख्स के लिए क्या इंतजाम हैं, जिसने रामलला के लिए हुए आंदोलन में अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया था. अगर आपके मन में भी ऐसे ही सवाल घूम रहे हैं तो आइए आपको हर जवाब से रूबरू कराते हैं...


कब और कैसे होगा कार्यक्रम?


अयोध्या जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी 2023 को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सात हजार से ज्यादा वीवीआईपी और वीआईपी को आमंत्रित किया गया है. इनमें पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू से लेकर बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल हैं. वहीं, देश के 4000 दिग्गज संतों के अलावा फिल्मी सितारे, क्रिकेटर्स और समाज के तमाम गणमान्य लोग भी कार्यक्रम में शरीक होंगे. 22 जनवरी को मंदिर प्रांगण में दोपहर दो बजे तक प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे. इसका मतलब यह होगा कि 22 जनवरी को दोपहर दो बजे के बाद कोई भी मंदिर के दर्शन नहीं कर पाएगा.


प्रशासन की ओर से क्या हैं इंतजाम?


अब सवाल उठता है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन की ओर से क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं? दरअसल, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत 15 जनवरी से 24 जनवरी तक विशेष अनुष्ठान होगा. वहीं, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसके चलते आम श्रद्धालु 20 जनवरी से तीन दिन तक रामलला के दर्शन नहीं कर पाएंगे. बता दें कि यह व्यवस्था सिर्फ आम लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और राजदूत आदि के लिए भी रहेगी. दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अपील की है कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राजदूत जैसे प्रोटोकॉल वीवीआईपी प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर अयोध्या न आएं. 


प्राण प्रतिष्ठा कैसे देख पाएंगे आम लोग?


श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी मुख्य अतिथि होंगे. उनके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, गवर्नर आनंदीबेन पटेल और संघ प्रमुख मोहन भागवत भी इस अनुष्ठान में मौजूद रहेंगे. ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन मंदिर परिसर में मौजूद वीआईपी ही रामलला के दर्शन कर सकेंगे. आम लोगों के लिए इस दिन साक्षात दर्शन की व्यवस्था नहीं की गई है. आम जनता से अपील की गई है कि वह प्राण प्रतिष्ठा के दिन सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक अपने गांव-शहर, मोहल्ले और कॉलोनी के किसी भी मंदिर में एकजुट होकर भजन कीर्तन करें. साथ ही, टीवी या यूट्यूब आदि पर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम लाइव देखें. 


आम जनता को कब होंगे रामलला के दर्शन?


अब सवाल उठता है कि अगर प्राण प्रतिष्ठा के लिए आम जनता राम मंदिर के दर्शन नहीं कर सकती है तो उनके लिए मंदिर के द्वार कब खुलेंगे? बता दें कि आम जनता के लिए राम मंदिर के द्वार 25 जनवरी से खुल जाएंगे. हालांकि, मंदिर के दर्शन के लिए लोगों को पहचान संबंधित अपने दस्तावेज लेकर जाने होंगे. इन दस्तावेजों की लिस्ट में आधार कार्ड को पहले नंबर पर रखा गया है. इसके अलावा देशभर में संघ के 45 प्रांतों में रहने वालों को भी राम मंदिर दर्शन का न्यौता भेजा गया है. इसके तहत रोजाना 25 हजार लोग 45 दिन तक रामलला के दर्शन करेंगे, जिनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से की जाएगी. बता दें कि इनमें वे लोग शामिल होंगे, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया था या जिन्होंने राम मंदिर धन संग्रह में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया था.


श्रद्धालुओं के लिए जारी की गई एडवायजरी


अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है, लेकिन इसके बारे में सभी जानकारी साझा नहीं की जा सकती हैं. हम श्रद्धालुओं के लिए सूचनाएं लगातार जारी कर रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए जा रहे हैं, जिनकी जानकारी समय-समय पर दी जाएगी. हालांकि, यह बात खासतौर पर ध्यान रखी जाएगी कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो. 


कैसा है राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र, जानिए उसमें क्या लिखा है?