Ramlala Surya Tillak: इसी साल की शुरुआत में जनवरी में राम मंदिर की स्थापना हुई थी. इस मंदिर में कई खास बातें हैं जो हर किसी को मंदिर की ओर आकर्षित करती हैं. साथ ही भगवान राम के दर्शन भी विशेष महत्व रखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राम नवमी का दिन इस मंदिर के लिए बेहद खास होगा, जिसकी एक वजह मंदिर में होने वाला सूर्य तिलक भी है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर सूर्य तिलक होता क्या है और रामलला को सूर्य तिलक कब और किस समय किया जाएगा. 


कब होगा रामलला का सूर्य तिलक?
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे, इसलिए उन्हें सूर्य तिलक किए जाने की परंपरा है. अयोध्या में नव निर्मित राम मंदिर में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है, जिसमें सूर्य का प्रकाश गर्भगृह में विराजी रामलला की मूर्ति के माथे पर तिलक की तरह प्रकाशमान होगी. 


साफ शब्दों में कहें तो रामनवमी के मौके पर सूर्य की किरणें रामलला के मस्तिष्क पर पड़ेंगी जिससे उनका सूर्य तिलक होगा और इसी को सूर्य तिलक कहा जाता है. दरअसल मंदिर बनाते वक्त सूर्य तिलक का ध्यान रखते हुए इसके लिए विशेष दर्पण या लैंस का प्रयोग किया गया है.


किस समय रामलला के माथे पर होंगी सूर्य की किरणें?
बता दें कि राम मंदिर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि हर राम नवमीं की तिथि पर सूर्य की किरण रामलला के प्रतिमा के मस्तिष्क पर तिलक करेंगी. सूर्य की किरणें रामनवमी पर दोपहर 12 बजे रामलला के मस्तिष्क पर तिलक करेंगी. ये किरणें रामलला के मस्तिष्क पर लगभग 4 मिनट तक रहेंगी.


मंदिर निर्माण का कार्य करने वाले एक वैज्ञानिक के मुताबिक हर साल राम नवमीं के दिन रामलला की मूर्ति के माथे पर सूर्य की किरणों से तिलक होगा. उनके अनुसार, इसके लिए राम मंदिर के तीसरी मंजिल से लेकर रामलला की मूर्ति तक पाइपिंग और आप्टो मैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणें रामलला की मूर्ति तक पहुंचेेंगी. हालांकि गुजरात के कोबा जैन मंदिर में भी हर साल सूर्य तिलक देखने को मिलता है.             


यह भी पढ़ें: Virat Kohli Haircut Cost:विराट कोहली के एक बार हेयर कट में कितना खर्चा होता है? हेयर स्टाइलिस्ट ने दी जानकारी