अलग देश की मांग कर रहा है बलूचिस्तान, इसके लिए कहां लगानी होती है अर्जी?
बचूलिस्तान की आजादी के लिए सबसे हालिया विद्रोह 2005 में शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है. बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रही बलूच लिबरेलशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया है.

भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद से ही बलूचिस्तान पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बना हुआ है. बचूलिस्तान लंबे समय से अलग देश की मांग कर रहा है और अपनी आजादी के लिए पाकिस्तान सरकार के खिलाफ पांच बार विद्रोह भी कर चुका है. पहला विद्रोह 1948-50 में हुआ था, जिसे पाकिस्तानी सेना ने कुचल दिया. इसके बाद बलूच लड़ाकों ने समय-समय पर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ा, लेकिन उन्हें नाकामी हाथ लगी.
बचूलिस्तान की आजादी के लिए सबसे हालिया विद्रोह 2005 में शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है. बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रही बलूच लिबरेलशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया है. हाल ही में इन लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर कई सेना के अधिकारियों तक को बंधक बना लिया था. अब सवाल यह है कि अगर बलूचिस्तान लंबे समय से अलग देश घोषित किए जाने की मांग कर रहा है तो उसे इसके लिए कहां अर्जी लगानी होगी? किसी देश को नए देश की मान्यता कैसे मिलती है? चलिए जानते हैं...
पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य
क्षेत्रफल के हिसाब से बचूलिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है. यह पाकिस्तान का करीब 44 फीसदी हिस्सा कवर करता है, इसके बावजूद यहां की आबादी मात्र डेढ़ करोड़ है. बलूचिस्तान का यह इलाका सोना, तांबा, तेल व अन्य खदानों से भरा पड़ा है और पाकिस्तान की सरकार इन संसाधनों का इस्तेमाल धड़ल्ले से करती है. इसके बावजूद बचूलिस्तान पाकिस्तान का सबसे पिछड़ा राज्य है. यही एक कारण है कि बचूलिस्तान के लोग पाकिस्तान की सरकार से नफरत करते हैं और खुद के लिए एक अलग देश की मांग कर रहे हैं
नए देश के लिए कहां लगानी होती है अर्जी
अब सवाल यह है कि नया देश कैसे घोषित किया जाता है और इसके लिए कहां अर्जी लगानी होती है. बता दें कि नया देश घोषित किए जाने का कोई तय फार्मूला नहीं है और न ही इसका कोई सर्टिफिकेट दिया जाता है. हालांकि, 26 दिसंबर, 1933 में मोंटेवीडियो कन्वेंशन में इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून बनाया गया, जिसके आधार पर नए देश को मान्यता दी जा जाती है. इसके लिए किसी भी देश के पास एक स्थायी जनसंख्या होनी चाहिए. किसी भी देश की एक निर्धारित सीमारेखा होनी चाहिए, जिस पर किसी अन्य देश का दावा न हो. इसके अलावा उस देश में एक गवर्नेंस सिस्टम (सरकार) होनी चाहिए और अंत में उसे देश के पास दूसरे देशों के साथ संबंध स्थापित करने की क्षमता होनी चाहिए.
होता है समझौता?
जाहिर है कि अगर किसी क्षेत्र को नया देश घोषित करना है तो उस देश को इस क्षेत्र पर से दावा छोड़ना होगा, जिसकी सीमा में वह क्षेत्र पड़ता है. इसके लिए दोनों के बीच समझौता होना जरूरी है. ऐसा पाकिस्तान और बांग्लादेश के निर्माण में हुआ, जब भारत के उत्तर पश्चिम और उत्तर पूर्व के हिस्से अलग हुए थे. यह भारत की स्वीकृति के बिना नहीं होना था. इसके लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.
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