(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bambi Bucket: क्या होता है बांबी बकेट, हेलीकॉप्टर में लगी इस बाल्टी से कैसे बुझाई जाती है जंगलों की आग
कुमाऊं के जंगलों में पिछले कुछ दिनों से आग लगी हुई है.आग को बुझाने के लिए प्रशासन के साथ आर्मी भी लगी हुई है.वायुसेना बंबी बकेट के जरिए आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा.जानिए कैसे बंबी बकेट करता है काम
उत्तराखंड के कुमाऊं डिवीजन में पिछले 5-6 दिनों से लगी आग लगातार बढ़ रही है. इस आग को बुझाने के लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर भारतीय सेना जुटी हुई है. लेकिन इसके बावजूद अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है. भारतीय वायु सेना हेलीकॉप्टर पर बांबी बकेट के जरिए ताल से पानी उठाकर आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर बांबी बकेट क्या होता है और ये हेलीकॉप्टर पर कैसे सपोर्ट करता है.
वायु सेना
बता दें कि भारतीय वायु सेना के आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल और आसपास के इलाकों में एक एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. जो बांबी बकेट के जरिए जंगलों में पानी का छिड़काव कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आग बुझाने वाले एमआई-17वी एम हेलिकॉप्टर में पानी स्प्रे करने का उपकरण लगा होता है. इसके अलावा इसमें एक बांबी बकेट होता है. इस बकेट की क्षमता 5000 लीटर टैंक की बताई जाती है. भारत में पिछले कुछ दशकों में जंगलों में आग बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर काफी मददगार साबित हुए हैं.
बंबी बकेट क्या?
बता दें कि बंबी बकेट एक विशेष हवाई अग्निशमन उपकरण है, जिसका उपयोग 1980 के दशक से किया जा रहा है. आसान भाषा में कहें तो ये हल्का खुलने योग्य कंटेनर है, जो हेलीकॉप्टर के नीचे से क्षेत्रों में पानी छोड़ता है. दरअसल इसकी खास विशेषता ये है कि इसे जल्दी और आसानी से भरा जा सकता है. इस बाल्टी को झीलों और नदियों समेत विभिन्न स्रोतों से भरा जा सकता है. हेलीकॉप्टर इस बकेट के जरिए जल्दी से जल्दी पानी भरकर आग लगे इलाकों में छिड़काव कर पाता है. जानकारी के मुताबिक बांबी बाल्टी विभिन्न आकारों और मॉडलों में उपलब्ध है, जिसकी क्षमता 270 लीटर से लेकर 9,840 लीटर से अधिक होती है.
कैसे हुआ इसका आविष्कार
जानकारी के मुताबिक बंबी बकेट का आविष्कार 1982 में एक कनाडाई व्यवसाय डॉन आर्नी ने किया था. दरअसल पहले की बाल्टियां ठोस फाइबरग्लास, प्लास्टिक, या धातु के फ्रेम वाले कैनवास से बनी होती थी. इसे विमान के अंदर फिट करने में दिक्कत आती थी. बता दें कि हेलिकॉप्टर में बाहरी टैंक होता है. इसमें एक पंपिंग हौज़ होता है, जिसे कहीं से भी भरा जा सकता है. इसके जरिए जल्द से जल्द आग लगने वाली जगहों पर पानी का छिड़काव हो पाता है.
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