Bamboo Toothbrush vs Plastic Toothbrush: आपने देखा होगा कि आजकल मार्केट में बांस वाला टूथब्रश आने लगा है. पर्यावरण (Environment) की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए बहुत सारे लोग भी प्लास्टिक वाले टूथब्रश (Plastic Toothbrushes) की जगह बांस वाला टूथब्रश (Bamboo Toothbrushes) इस्तेमाल करने लगे हैं. घरों में बांस से बनी चीजों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. इनमें ज्यादातर वो चीजें शामिल हैं जिनका इस्तेमाल डेली खाने पीने आदि की चीजों में किया जाता है.


Bamboo टूथब्रश से पर्यावरण को क्या फायदा
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है. इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. बांस से बने टूथब्रश को ईको फ्रेंडली (Eco Friendly Toothbrush) माना जाता है. इसका हैंडल बांस और इसके ब्रिस्टल्स (Bristles) नायलॉन या दूसरे नैचुरल फाइबर के बने होते हैं. बांस वाला टूथब्रश भी बिल्कुल प्लास्टिक वाले टूथब्रश की तरह ही होता रहता है बस इसे बनाने के लिए बांस का इस्तेमाल किया जाता है.


प्लास्टिक नही होती जल्दी नष्ट
रिसर्च के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल 44.8 करोड़ टन से ज्यादा प्लास्टिक का प्रोडक्शन किया जाता है, जिसकी वजह से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है. दरअसल, प्लास्टिक हजारों साल तक भी नष्ट नहीं होती है, ऐसे में इसे सिर्फ रिसाइकिल करके ही दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता है.


बांस और प्लास्टिक टूथब्रश में अंतर
बांस वाले टूथब्रश और प्लास्टिक के टूथब्रश में सिर्फ उनको बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मटेरियल का होता है. लोगों को लगता है कि बांस वाला टूथब्रश नया है, लेकिन असल में यह टूथब्रश का पुराना रूप है. आजकल के टूथब्रश में ब्रिस्टल्स को बनाने के लिए नायलॉन या फिर दूसरे नैचुरल फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन पहले ये ब्रिस्टल्स सुअर के बालों से बनते थे. यहां तक कि कुछ टूथब्रश के ब्रिस्टल्स में तो चारकोल तक मिलाया जाता था, जिससे दातों की सफाई अच्छे से हो सके. बेहतर परिणामों के लिए आपको अपने डेंटिस्ट से सलाह लेनी चाहिए.


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