(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पहली बार शेख हसीना की 'मदद' नहीं कर रहा भारत, 1975 में भी दी थी सिर छिपाने के लिए छत
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन बढ़ चुका है. जिसके बाद पीएम शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत के लिए रवाना हो चुकी हैं. क्या आप जानते हैं कि इससे पहले भी शेख हसीना ने 1975 के समय भारत से मदद मांगी थी.
भारत के पड़ोसी बांग्लादेश देश में हिंसा बढ़ चुकी है. बांग्लादेश की स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है. पीएम शेख हसीना देश छोड़ने के बाद सेना के विशेष विमान से भारत के लिए रवाना हो चुकी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे पहले 1975 के समय भी भारत सरकार ने शेख हसीना को छिपने के लिए भारत में जगह दी थी. जी हां, अब वही इतिहास एक बार फिर से दोहरा रहा है.
शेख हसीना
बांग्लादेश की स्थिति गंभीर हो चुकी है. प्रदर्शनकारी सोमवार को ढाका स्थित पीएम आवास में घुस चुके हैं. वहीं पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. जानकारी के मुताबिक पीएम शेख हसीना इस्तीफा देकर सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1975 के समय भी भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शेख हसीना और उनके पति समेत बच्चों को दिल्ली में पूरी सुरक्षा के साथ रहने की जगह दी थी.
कैसे भारत आई थी शेख हसीना
कुछ साल पहले पीएम शेख हसीना ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया था कि सन् 1975 में उनके परिवार की हत्या कर दी गई थी. उस समय वह दिल्ली के पंडारा रोड पर अपने बच्चों के साथ रह रही थी. शेख हसीना ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया कि कैसे करीब पांच दशक पहले उनके पिता की हत्या कर दी गई थी. जिस समय पिता की हत्या हुई थी, वह अपने पति से मिलने के लिए जर्मनी गई हुई थी, जो कि एक परमाणु वैज्ञानिक थे.
1975 बांग्लादेश नरसंहार में शेख हसीना के परिवार और रिश्तेदारों को मिलाकर कुल 18 लोगों की हत्या की गई थी. जिसमें उनका 10 साल का एक भाई भी शामिल था. शेख हसीना ने बताया था कि फिर तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें जानकारी दी कि वह उन्हें सुरक्षा और शरण देना चाहती हैं. इसके बाद युगोस्लाविया के मार्शल टिटो और इंदिरा गांधी ने उन्हें रिसीव किया और वह दिल्ली आ गई थी. उस वक्त शेख हसीना और उनके परिवार को पंडारा रोड पर टॉप लेवल सिक्योरिटी के साथ एक सीक्रेट घर में रखा गया था. इसके अलावा उनके पति को एक नौकरी भी दी गई थी.
1975 से 2024
1975 के बाद एक बार फिर से शेख हसीना ने सुरक्षा के लिए भारत से मदद मांगी है. 1975 में इंदिरा सरकार ने शेख हसीना को सुरक्षा मुहैया कराई और अब 2024 में मोदी सरकार शेख हसीना को शरण देने जा रही है.