भारत में बीफ को लेकर कोई ना कोई खबर सामने आती ही रहती है. अभी हाल ही में हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच चरखी दादरी में बीफ खाने के आरोप में एक प्रवासी की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है. जानकारी के मुताबिक गोरक्षा दल के सदस्यों पर इस पिटाई का आरोप लगा है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में लिंचिंग को लेकर क्या नियम है, जिससे आरोपियों को सख्स सजा मिलती है. 


क्या है मामला


हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच चरखी दादरी में 27 अगस्त के दिन बीफ खाने के आरोप में एक प्रवासी की पीट पीट कर हत्या कर दी गई है. जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के दो युवक चरखी दादरी में कूड़ा बीनने का काम करते हैं. गोरक्षा दल के सदस्यो को शक था कि शब्बीर खान (23) अपने साथी के साथ बीफ पकाकर खाया है. इस दौरान 27 अगस्त को भीड़ ने उसे घेर लिया था, जिसके बाद फिर लाठी और डंडों से बुरे तरीके से मारा है. मारपीट में जहां एक युवक की मौत हुई है, एक अन्य घायल है. वहीं पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा, दो नाबालिकों को भी डिटेन किया है.


नए क्रिमिनल लॉ


भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023,  भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) पूरे देश में प्रभावी है. इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है. 


लिचिंग को लेकर कानून


बता दें कि भारत में मॉब लिचिंग को सख्त कानून है. नए कानूनों में मॉब लिंचिंग पर अलग से कानून बनाया गया है. इस कानून के तहत शरीर पर चोट पहुंचाने वाले क्राइम को धारा 100-146 तक का जिक्र है. वहीं मॉब लिंचिंग के मामले में न्यूनतम 7 साल की कैद हो सकती है. इसमें उम्रकैद या फांसी की सजा का भी प्रावधान है. इसके अलावा हत्या के मामले में धारा 103 के तहत केस दर्ज होगा. वहीं धारा 111 में संगठित अपराध के लिए सजा का प्रावधान है, धारा 113 में टेरर एक्ट बताया गया है. बीएनएस में मर्डर के लिए धारा 101 में सजा का प्रावधान है. इसमें दो सब-सेक्शन हैं. धारा 101(1) कहती है, अगर कोई व्यक्ति हत्या का दोषी पाया जाता है तो तो उसे आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक हो सकती है. वहीं उसपर जुर्माना भी लगाया जाएगा.


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