यूरिन से लेकर मगरमच्छ के मल और पसीने से किए जाने वाले ब्यूटी ट्रीटमेंट, खूबसूरत दिखने के लिए ये भी करती थी महिलाएं
खूबसूरत दिखने के लिए हमेशा से महिलाएं कोई न कोई ब्यूटी ट्रीटमेंट करती आई हैं. इनमें से कुछ ब्यूटी ट्रीटमेंट तो ऐसे थे जिनके बारे में सुनकर आपको यकीन करना भी मुश्किल हो जाएगा.
महिलाएं हमेशा से सुंदर दिखने के लिए अलग-अलग तरह के फेस मास्क और मसाज ट्राई करती रहती हैं. कुछ से उनकी सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं तो कुछ उनपर कुछ खास असर नहीं करते. प्राचीन काल में कुछ ऐसे ब्यूटी ट्रीटमेंट किए जाते थे जिनके बारे में सुनकर आपको गंदा सा एहसास भी होगा और अजीब भी लग सकता है. तो चलिए आज हम आपको प्राचीन काल में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ ऐसे ही ट्रीटमेंट्स के बारे में बताते हैं.
पुराने समय में इन चीजों से किया जाता ता ब्यूटी ट्रीटमेंट
पुराने समय में यूरिन से लेकर गधी के दूध और मगरमच्छ के मल तक ब्यूटी ट्रीटमेंटमें इस्तेमाल होता था. चलिए आज ऐसे ही कुछ अजीबोगरीब ब्यूटी ट्रीटमेंट्स के बारे में जानते हैं.
बुलबुल का मल- जापान में प्राचीन समय में महिलाएं सॉफ्ट और ग्लास स्कीन पाने के लिए चेहरे पर बुलबुल का मल रगड़ती थीं. आज भी वहां स्पा में इसका इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल बुलबुल के मल में मौजूद गुआनिन नाम के तत्व से चेहरे की त्वचा चीनी मिट्टी की तरह चमकदार दिखने लगती है.
यूरिन फेस मास्क- प्राचीन रोम में चेहरे पर निखार लाने के लिए और त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए महिलाएं फेस मास्क में यूरिन का इस्तेमाल किया करती थीं. जिससे उन्हें फायदा भी नजर आता था.
यूरिन का माउथवॉश- आपको जानकर हैरानी होगी कि 18वीं सदी तक दांतों में कैविटी रोकने और उन्हें सफेद बनाने के लिए यूरिन का इस्तेमाल माउथवॉश के तौर पर किया जाता था.
पसीने से बनी क्रीम- प्राचीन रोम में अमीर महिलाएं ग्लेडिएटरों के पसीने से भरी शीशियां खरीदती थीं. जिसे वो ब्यूटी क्रीम के तौर पर इस्तेमाल करती थीं.
गधी से दूध से स्नान- प्राचीन मिस्त्र की रानी क्लियोपैट्रा अपनी खूबसूरती को बनाए रखने के लिए और उसमें निखार लाने के लिए गधी के दूध से स्नान किया करती थीं.
स्लैपिंग मसाज- थाईलैंड में आज भी महिलाएं चेहरे, स्तनों और नितबों से फैट कम करने के लिए एक्सपर्ट्स से थप्पड़ यानी र्लैपिंग मसाज करवाया करती थीं.
मगरमच्छ का मल- प्राचीन यूनान और रोम में खूबसूरती बढ़ाने के लिए मगरमच्छ के मल को मिट्टी में मिलाकर फैस पैक बनाया जाता था.
खून से स्नान- 15वीं सदी में हंगरी की रानी एलिजाबेथ बाथरी जवान दिखने के लिए कुंवारी लड़कियों को मारकर उनके खून से नहाती थीं.
मीट से मसाज- 15-16वीं शताब्दी इंग्लैंड की महिलाएं झुर्रियों से बचने के लिए चेहरे पर कच्चा मीट लगाती थीं.
शराब और अंडे का इस्तेमाल- फ्रांस में महिलाएं खूबसूरती बढ़ाने के लिए रेड वाइन और अंडे का इस्तेमाल किया करती थीं.
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