Gold on Diwali 2023: दिवाली पर सोना खरीदने की लोग पूरी कोशिश करते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करना शुभ होता है. क्या आपको पता है कि असली सोने की पहचान कैसे होती है. अगर आप सोने के आभूषण खरीदने की योजना बना रहे हैं तो उसका HUID नंबर जांचना न भूलें. 1 अप्रैल से ही सरकार द्वारा जारी नए नियमों के तहत कोई भी ज्वैलर बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) के सोना नहीं बेच पा रहा है. एचयूआईडी नंबर कैसे काम कर रहा है, इसके क्या फायदे हैं और एचयूआईडी के मामले में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे सवालों के जवाब इस स्टोरी में हम आपको देने वाले हैं.
HUID नंबर का मतलब क्या होता है?
हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी) संख्या छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जिसमें संख्याएं और अक्षर होते हैं. हॉलमार्क में 4 अंक होते थे. इस नंबर की मदद से खरीदार आभूषण से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त कर सकता है. ज्वैलर्स को यह जानकारी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी.
एचयूआईडी और हॉलमार्क के बीच क्या अंतर है?
एचयूआईडी के तहत आप हॉलमार्किंग की तुलना में अपने आभूषणों के बारे में अधिक पारदर्शी तरीके से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. HUID की मदद से आप ऑनलाइन अपनी ज्वेलरी की पहचान कर सकते हैं. हॉलमार्किंग के तहत यह सुविधा नहीं थी. इस नई व्यवस्था के तहत आभूषण के हर टुकड़े पर एक यूनिक नंबर होगा.
HUID मार्क को कैसे वेरिफाई करें?
उपभोक्ता बीआईएस केयर ऐप पर ‘वेरिफाइड एचयूआईडी' सुविधा का उपयोग करके एचयूआईडी नंबरों के साथ हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों को वेरिफाई कर सकते हैं. यह ऐप एंड्रॉइड और iOS दोनों के लिए उपलब्ध है. वेरिफिकेशन करते समय उपभोक्ता उस जौहरी के बारे में डिटेल ऐप पर देख सकते हैं, जिसने वस्तु को हॉलमार्क किया था, जिसमें उसका रजिस्ट्रेशन नंबर शामिल होता है.
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