बीयर के साथ मूंगफली ही क्यों पसंद करते हैं ज्यादातर लोग, इसके पीछे है कमाल की साइंस
आप किसी बड़े शबर में हों या छोटे शहर में, बार में जाते ही आपके सामने सबसे पहले कॉम्प्लीमेंट्री चखने के तौर पर सॉल्टेड मूंगफली रखी जाती है. अब सवाल उठता है कि बार वाले मूंगफली ही क्यों रखते हैं?
शराब पीने वाले ज्यादातर लोग मूंगफली को चखने के रूप में सबसे पहले दर्जे पर रखते हैं. शराबियों के बीच इसके एक-एक दाने की अहमियत होती है. यही वजह है कि मदिरापान करने वाले लोग इसे आखिरी पेग तक बचा कर रखना चाहते हैं. हालांकि, कई बार शराबियों के इस खजाने में कुछ 'चखना ईटर' सेंध मार जाते हैं और फिर नतीजतन आखिरी कुछ पेग उन्हें ऊल-जुलूल चखने के साथ खत्म करना पड़ता है. अब सवाल उठता है कि शराब पीने वालों के लिए मूंगफली के दाने इतने ज्यादा खास क्यों हैं? इन दानों में ऐसा क्या होता है कि इसे चखने के रूप में सबसे अव्वल माना जाता है. चलिए आज आपको इसी के पीछे का विज्ञान समझाते हैं.
मूंगफली के पीछे की साइंस
दरअसल, बीयर हो या शराब उसका स्वाद अक्सर कड़वा ही होता है. सॉल्टेड पीनट्स के दाने इस कड़वाहट को कम करने और मुंह का स्वाद बदलने में मदद करते हैं. इसे ऐसे समझिए कि जब नमक वाली मूंगफलियां हमारे जीभ पर पड़ती हैं और दांतों के तले कुचली जाती हैं तो ये सीधे तौर पर हमारे स्वाद ग्रंथियों को प्रभावित करती हैं और बीयर या शराब की कड़वाहट को कम कर देती हैं. यही वजह है कि ज्यादातर लोगों को शराब के साथ प्लेन सॉल्टेड मूंगफली खाना पसंद होता है.
बार वाली कॉम्प्लीमेंट्री मूंगफली
आप किसी बड़े शबर में हों या छोटे शहर में, बार में जाते ही आपके सामने सबसे पहले कॉम्प्लीमेंट्री चखने के तौर पर सॉल्टेड मूंगफली रखी जाती है. अब सवाल उठता है कि बार वाले मूंगफली ही क्यों रखते हैं? वो चाहें तो चना या फिर कुछ और भी कॉम्प्लीमेंट्री चखने के तौर पर रख सकते हैं. दरअसल, कॉम्प्लीमेंट्री चखने के तौर पर सॉल्टेड मूंगफली रखने के पीछे एक साइंस छिपा है. ये साइंस है प्यास बढ़ाने की.
दरअसल, नमक वाली मूंगफली में एक गुण होता है कि वो आपके मुंह के अंदर जाते ही आपके गले को सूखा कर देती है. यानी गले के अंदर की नमी को कम कर देती है. ऐसे में आपको तुरंत प्यास लगने लगती है और आप बीयर या फिर कोई और शराब ऑर्डर करते हैं.
ये भी पढ़ें: The Beatles: ऋषिकेश से मशहूर बैंड 'Beatles' का क्या था नाता? गंगा किनारे आज भी मौजूद है इनकी छाप