Bhagat Singh Jayanti 2024: 28 सितंबर को हर साल महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती मनायी जाती है. भगत सिंह देश के लिए महज 23 सााल की उम्र में फांसी के फंदे पर चढ़ गए थे. उनमें बचपन से ही देश की आजादी का जुनून सवार था. उनसे जुड़ा एक खास किस्सा है, दरअसल भगत सिंह अपने घर पर हमेशा खून से सनी मिट्टी रखते थे. ऐसे में चलिए आज उनकी जयंती के मौके पर ये पूरा किस्सा जानते हैं.


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क्यों खून से सनी मिट्टी घर पर रखते थे भगत सिंह?


भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है. उन्हें बचपन से ही उनकी चाची देशभक्ति और बलिदान की कहानियां सुनाती थीं. उनके कोमल मन में शोर्यगाथाओं का खासा प्रभाव पड़ा. बस फिर क्या था, अपनी छोटी सी उम्र में ही वो ठान बैठे थे कि वो बड़े होकर देश की सेवा करेंगे. जलियांवाला बाग कांड का उनपर खासा गहरा प्रभाव पड़ा.


दरअसल अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा में जनरल डायर ने गोली चलवा दी थी, जिसमें सैंकड़ों लोग मारे गए थे. इस घटना से सारा देश हिल गया था. उस समय बाहर वर्षीय भगत सिंह भी अमृतसर पहुंचे थे. उन्होंने देखा कि जलियांवाला बाग की मिट्टी खून से लाल हो गई है. ऐसे में वो गुस्से से कांप उठे थे.


खून से सनी मिट्टी को घर लाए


उस समय भगत सिंह के कोमल मन में अंग्रेजों के लिए खासा आक्रोश था और मृतकों के लिए खासा दर्द, जहां ये घटना हुई थी वहां की मिट्टी खून से लथपथ हो गई थी. ऐसे में भगत सिंह ने खून से सनी थोड़ी मिट्टी को अपनी बोतल में भरा और घर ले आए.


घर पहुंचने पर उनकी बहन दौड़ते हुए उनके पास पहुंची और भगत सिंह से पूछा- आज तुमने इतनी देर कहां लगा दी? चलो आओ खाना खा लो. भगत सिंह के कोमल मन में शोक और गुस्सा दोनों भरा हुआ था, उन्होंने कहा कि आज मैं खाना नहीं खाऊंगा. फिर उनकी बहन ने पूछा- क्यों क्या हो गया है? भगत सिंह ने  बोतल दिखाते हुए जवाब दिया कि इसमें देश के शहीदों का खून भरा है. अंग्रेजों ने हमारे सारे लोगों को गोलियों से भून दिया है. फिर उन्होंने बोतल को घर में रखकर उसके चारों ओर फूल रख दिए और हाथ जोड़कर खड़े हो गए.


जब भगत सिंह ने ली प्रतिज्ञा


उसी समय भगत सिंह ने प्रतिज्ञा ली कि मैं बेगसूर लोगों का खून बहाने वाले अंग्रेजों को देश से भगाकर ही दम लूंगा. वो रोज उस मिट्टी की पूजा करते थे. जो उन्हें याद दिलाती थी कि उन्हें देश के लिए एक अपने जीवन का बलिदान करना है.


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