राष्ट्रपति के संबोधन को लेकर 'द प्रेसिडेंट ऑफ भारत' ने इस बहस को फिर से तेज कर दी है कि देश का नाम इंडिया होना चाहिए या भारत. दरअसल, ये विवाद काफी समय से है कि देश का नाम क्या हो. संभ चालक मोहन भागवत ने भी एक भार कहा था कि लोग देश को इंडिया की जगह भारत कह कर पुकारा करें. और अब जी-20 शिखर सम्मेलन के रात्रि भोज के न्योते पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिख कर इस विवाद को और बढ़ा दिया गया है. हालांकि, हम आज आपको इस विवाद के बारे में नहीं, बल्कि इस बारे में बताने वाले हैं कि क्या भारत का नाम कभी जम्बूद्वीप था.
क्या है जम्बूद्वीप की कहानी?
भारत को जम्बूद्वीप विष्णु पुराण के अध्याय 2 के आधार पर कहा जाता है. दरअसल, जम्बू का मतलब होता है जामुन. विष्णु पुराण के अध्याय 2 में बताया गया है कि जम्बू के वृक्ष पर हाथियों जितने बड़े फल लगते थे और जब वो पक कर पहाड़ों की चोटी पर गिरते थे तो उनके रस से एक नदी बन जाती थी. उसी नदी के किनारे बसने वाले इलाके को जम्बूद्वीप कहा गया.
भारत को हिंदुस्तान क्यों कहा गया
भारत का नाम हिंदुस्तान भी है. बहुत से लोग देश को हिंदुस्तान कह कर संबोधित करते हैं. दरअसल, इस नाम को गंगाजमनी तहज़ीब के निशानी के तौर पर देखा जाता है. कहा जाता है कि जब मध्य युग के समय यहां तुर्क और ईरानी आए तो उन्होंने सिंधु घाटी के लोगों को सिंधु की जगह हिंदू कहा. ऐसा इसलिए क्योंकि वो स को ह बोलते थे. बाद में यहीं से सिंधु नदी के किनारे बसने वाले लोग हिंदू कहे जाने लगे. वहीं भारत और इंडिया को लेकर भी कई कहानियां प्रचलित हैं. हालांकि, ऐसा सिर्फ भारत के साथ ही नहीं है, बल्कि दुनियाभर के कई देश ऐसे हैं जिनके दो या उससे ज्यादा नाम हैं.
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