भीमराव अंबेडकर के साथ स्कूल में हुई थी ये शर्मनाक हरकत, जिसके बाद बदल गई उनकी जिंदगी
Bhimrao Ambedkar: आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश के संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के साथ स्कूल में हुई एक ऐसी शर्मनाक हरकत के बारे में, जिसके बाद से उनकी जिंदगी ही बदल गई.
Bhimrao Ambedkar: देश के गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री भीमराव अंबेडकर जिन्हें दुनिया बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जानती है. उनको लेकर एक टिप्पणी कर दी. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह को भीमराव अंबेडकर का विरोधी बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर दिया.
इसके बाद से सोशल मीडिया पर बीआर अंबेडकर को लेकर बहस छिड़ गई है. बहुत से लोग बाबासाहेब अंबेडकर के जीवन को लेकर जानना चाह रहे हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं. भीमराव अंबेडकर के साथ स्कूल में हुई एक ऐसी शर्मनाक हरकत के बारे में जिसके बाद से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जिंदगी ही बदल गई.
बचपन में हुई बेहद शर्मनाक हरकत
भारत के संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर का दलित परिवार में हुआ था. दलित वर्ग में पैदा होने के चलते भीमराव अंबेडकर ने बचपन से ही बहुत से सामाजिक भेदभाव झेले. लेकिन यह भीमराव अंबेडकर की मेहनत, लगन और जज्बा ही था कि वह आजाद भारत के पहले कानून मंत्री बन पाए. भीमराव अंबेडकर शुरू से ही पढ़ाई में काफी तेज थे, लेकिन दलित वर्ग से आने के चलते उनके साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता था.
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बचपन में उनके साथ छुआछूत जैसी शर्मनाक हरकत भी हुई, जब अंबेडकर स्कूल में पढ़ते थे. तब उन्हें पानी तक पीने नहीं दिया जाता था. इतना ही नहीं उन्हें पानी के बर्तन तक नहीं छूने दिए जाते थे. जिसके चलते उन्हें घंटों तक प्यासा रहना पड़ता था. स्कूल में पढ़ाने वालों शिक्षक उन्हें क्लास के अंदर बैठने की इजाजत नहीं देते थे. उन्हें बाहर अलग से एक चटाई पर बैठाया जाता था.
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इस हादसे ने बदल दी जिंदगी
बचपन में जब उनके साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत हुई तो इस हरकत ने भीमराव अंबेडकर के पूरे जीवन को बदल के रख दिया. इसके बाद न उन्होंने इतनी पढ़ाई की, कि उन्होंने देश के सभी दलितों को यह यह अधिकार दिलाया कि वह कहीं भी पानी पी सकते हैं. उन्हें कोई नहीं रोक सकता.
भारत में भले ही भीमराव अंबेडकर ने स्कूल के बाहर बैठकर पढ़ाई की लेकिन इसके बाद वह दुनिया की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से पढ़े. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री हासिल की. तो लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डीएससी की डिग्री ली. तो वहीं साल 1949 में उन्होंने भारत का संविधान बनाया और वह आजाद भारत के पहले कानून मंत्री भी बने.
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