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क्या होती है खतौनी? उत्तर प्रदेश में इसी से भूमि फर्जीवाड़ा रोकने की तैयारी चल रही है

जमीन के मालिकाना हक के लिए खतौनी इंपॉर्टेंट रोल निभाती हैं. लेकिन दबंग इस खतौनी में हेरफेर कर भी कब्जाने की कोशिश करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी.

Khatauni: खेती को उन्नत करने के लिए देश का हर स्टेट समय समय पर कदम उठाता रहता है. खेतीबाढ़ी में किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो. इसको लेकर भी सरकार कार्रवाई करती रहती है. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने खतौनी को लेकर ऐसी ही कार्रवाई की है. सरकार के कदम से प्रदेश के किसानों की भूमि में किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा. जल्द ही प्रदेश के सभी 75 जिलों में कार्रवाई को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया जाएगा. 

पहले खतौनी को जानिए

खतौनी एक तरह से किसान के जमीन का मालिकाना हक दर्शाती है. यह एक कानूनी डॉक्यूमेंट है. इसमें जमीन का सारा विवरण होता है. खतौनी में 12 कॉलम दिए गए हैं. किसी की मृत्यु होने या जमीन बेचने पर यह उसके खरीदार या वारिस को हस्तांतरण हो जाती है. किसानों को दिए गए 12 कॉलम में से कुछ में डिटेल भरने में दिक्कत आती है. उत्तर प्रदेश गवर्नमेेंट उसी का समाधान कर रही है.

उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ये बड़ा कदम उठा रही

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभी खतौनी 6 साल में अपडेट करनी पड़ती है. लेकिन अब उत्तर प्रदेश गवर्नमेेंट की मदद से नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर राजस्व परिषद एक ऐसा ही सॉफ्टवेयर तैयार करने में जुटा है. इससे खतौनी रियल टाइम में खुद से ही अपडेट हो जाया करेंगी. इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर सदर, सीतापुर की महोली, बाराबंकी की सिरौली, गौसपुर, लखनऊ की मोहनलालगंज और शामली की सदर तहसीलों में शुरू कर दिया गया है. स्टेट गवर्नमेंट इस नई व्यवस्था को पूरे राज्य में लागू करवाना चाहती है. 

ये होगा फायदा

प्रदेश सरकार पुनरीक्षण कर खतौनी को 6 साल में अपडेट कराती रहती है. लेकिन अभी तक किसानों और डिपार्टमेेंटल कर्मचारियों को काफी मेहनत करनी पड़ती है. इस कदम से किसान और विभागीय मेहनत बच जाएगी. इसमें विवरण खुद ब खुद अपडेट हो सकेगा. एक क्लिक पर यह भी जानकारी हो सकेगी कि भूमि किस व्यक्ति के नाम हैं और कहां स्थित है. अभी तक भूमि के दस्तावेजों की सही जानकारी न होने पर दबंगों का कब्जा करने का खतरा रहता है. प्रदेश सरकार के इस कदम से यह डर काफी कम होगा. लोग अपनी जमीनों की जानकारी एक क्लिक पर ले सकेंगे. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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