कॉग्निटिव टेस्ट में फेल होने पर क्या राष्ट्रपति को देना होता है इस्तीफा? समझिए अमेरिकी चुनाव में क्यों उठा ये मुद्दा
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का चर्चा दुनियाभर में है. लेकिन इन दिनों में अमेरिकी नेता राष्ट्रपति बाइडन के कॉग्निटिव टेस्ट कराने पर दबाव बना रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि ये जांच कब होता है.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर दुनियाभर की नजर है. हालांकि इन दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में मेंटल हेल्थ एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है. राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए हुई पहली बहस में खराब प्रदर्शन के बाद जो बाइडन के स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इतना ही नहीं बाइडन को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर हटाने के लिए उनके कॉग्निटिव टेस्ट कराने की मांग उठ रही है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कॉग्निटिव टेस्ट क्या होता है और ये कब कराया जाता है. क्या इस टेस्ट में फेल होने पर बाइडन को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना होगा और वो उम्मीदवार के तौर पर खड़े नहीं हो सकते हैं.
राष्ट्रपति चुनाव
बता दें कि 81 साल के जो बाइडन अमेरिकी इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. वहीं इस बार अगर विपक्ष के 78 वर्षीय नेता डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव जीतते हैं, तो वो अमेरिकी इतिहास के दूसरे सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे. लेकिन बढ़ती उम्र के कारण अमेरिका में लोग बाइडन के कॉग्निटिव टेस्ट की मांग कर रहे हैं. कॉग्निटिव टेस्ट को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने हाल ही में एक कॉग्निटिव टेस्ट लिया था, जिसमें उनका काफी अच्छा स्कोर आया था. वहीं एबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में बाइडन ने कहा कि उनका काम इस तरह का है कि वो एक तरह से रोजाना कॉग्निटिव टेस्ट लेते हैं.
क्या होता है कॉग्निटिव टेस्ट
अब सवाल ये है कि कॉग्निटिव टेस्ट क्या होता है. बता दें कि कॉग्निटिव टेस्ट के जरिए ये पता चलता है कि किसी इंसान का दिमाग कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है. हालांकि इससे किसी विशेष बीमारी का पता नहीं चलता है. कॉग्निटिव टेस्ट में डॉक्टर पेशेंट से कुछ सवाल पूछते हैं. इस दौरान टेस्ट से ये पता लगाना होता है कि पेशेंट के दिमाग को नई जानकारी को प्रोसेस करने और याद रखने की क्षमता कैसी है. इस टेस्ट में डॉक्टर कोई कहानी सुनाकर उसमें से कोई सवाल पूछ सकता है. अमेरिका के कई बड़े डॉक्टर्स का मानना है कि बाइडन का बहस के दौरान जैसा व्यवहार था और वो बोलते हुए रुक जाना, भावहीन चेहरा और अस्पष्ट वाक्य था. इस कारण उन्हें कॉग्निटिव टेस्ट लेना चाहिए.
टेस्ट में फेल होने पर क्या होगा?
अब सवाल ये है कि बाइडन टेस्ट में फेल होने पर क्या करेंगे? बता दें कि अभी तक बाइडेन ने टेस्ट के लिए इंकार किया है. अमेरिका के संविधान में सीधे तौर पर राष्ट्रपति के दिमागी स्वास्थ्य का कोई जिक्र नहीं है. हालांकि संविधान के 25वें संशोधन में यह कहा गया है कि अगर राष्ट्रपति अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है, तो उपराष्ट्रपति को एक्टिंग प्रेसिडेंट बनाया जा सकता है.
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