ये है अब तक का सबसे बड़ा ब्लैक होल, इतना बड़ा कि इसमें एक साथ समा जाए 28 अरब सूरज
ब्लैक होल को लेकर बहुत सारे सवाल पैदा होते हैं. वहीं वैज्ञानिकों ने ऐसे दो सुपरमासिव ब्लैक होल के भार की गणना की है. ये अब तक के खोजे गए ब्लैक होल में सबसे भारी ब्लैक होल हैं.
अंतरिक्ष में ब्लैक होल को लेकर हमेशा लोगों के मन में कई सवाल आते हैं. जैसे क्या ये धरती को निकल सकता है. क्या ये इतना बड़ा है कि सूरज को भी निकल सकता है. बता दें कि वैज्ञानिकों ने अब तक के सबसे भारी ब्लैक का जोड़ खोज निकाला है. खगोलविदों ने जेमिनी नॉर्थ टेलीस्कोप की मदद से दो सुपरमासिव ब्लैक होल के जोड़े का भार मापा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये सुपरमासिव ब्लैक होल के जोड़ों में सबसे भारी ब्लैक होल है.
ब्लैक होल
इंटरनेट पर मिली जानकारी के मुताबिक ब्लैक होल अंतरिक्ष में पाए जाने वाली ऐसी जगह है, जहां गुरुत्वाकर्षण बल बहुत अधिक होता. जिसके प्रभाव क्षेत्र में आने पर कोई भी वस्तु यहां तक कि प्रकाश भी उससे बच नहीं सकता है. वे उसके अंदर समा जाएगा. क्योंकि ब्लैक होल का पलायन वेग बहुत ही अधिक होता है, इसलिए प्रकाश भी उसके अंदर जाने के बाद बाहर नहीं निकल सकता है.
सबसे बड़ा ब्लैक होल
बी2 0402+379 नाम की अंडाकार गैलेक्सी में यह सुपरमासिव ब्लैक होल के द्विज मौजूद है. जिनका भार 28 अरब सूर्यों के बराबर है. इंटरनेशनल जेमिनी ऑबजर्वेटरी के एनएसएफ प्रोग्राम निदेशक मार्टिन स्टिल का कहना है कि ये सुपरमासिव ब्लैक होल द्विज का भार मापन आगे के शोधों को बहुत प्रोत्साहित करने वाला साबित होगा. बता दें कि दो गैलेक्सी के विलय के बाद उनके ब्लैक होल द्विज जोड़ा बना सकते हैं.
वहीं सैद्धांतिक तौर पर यह माना जाता है कि ये ब्लैक होल आखिरकार मिल ही जाते हैं. हालांकि ऐसा होते हुए अभी तक कहीं देखा नहीं गया है. वहीं कुछ प्रमाण देखे गए हैं, जिसमें कुछ ब्लैक होल केवल 24 प्रकाशवर्ष की ही दूरी पर एक दूसरे पास आ चुके हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि द्विज कक्षा को धीमा करने के लिए भारी मात्रा में तारों की जरूरत होगी. जिससे ये दोनों बहुत पास आ सकें. लेकिन इस प्रक्रिया में दोनों ब्लैक होल ने आस पास के सभी पदार्थों को निगल लिया है, जिसे गैलेक्सी के कैंद्र के पास कोई तारा और गैस नहीं बची है. यही कारण है कि इनके विलय की प्रक्रिया रुक गई है. हालांकि वैज्ञानिक अभी इस पर रिसर्च कर रहे हैं कि क्या दोनों ब्लैक होल इस स्थिति से उबरकर विलय कर पाएंगे. फिलहाल वैज्ञानिक B2 0402+379 को एक जीवाश्म समूह मान रहे हैं. वैज्ञानिक अब इनका अलग-अलग अध्ययन कर रहे हैं.
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