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पुश्तैनी जमीन के नहीं हैं कागज तो सर्वे में क्या दिखा सकते हैं आप? जान लीजिए ये बात

बिहार सरकार ने जमीन सर्वे शुरू कर दिया है. लेकिन अधिकांश लोगों को डर है कि जमीन सर्वे में अगर पुश्तैनी जमीन का पेपर नहीं है, तो उनका नाम कैसे चढ़ेगा. जानिए जमीन सर्वे में कौन-कौन से पेपर मान्य हैं.

बिहार सरकार ने राज्य में 45,000 से भी ज्यादा गांव में लैंड सर्वे यानी भूमि सर्वेक्षण शुरू कर दिया है. लेकिन अब सवाल ये है कि भूमि सर्वेक्षण के समय अगर किसी के पास उनकी पुश्तैनी जमीन का कागज नहीं है, तो फिर उनका क्या होगा? आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे पुश्तैनी जमीन पर सर्वे के समय अपना नाम कागज में दर्ज करवाया जा सकता है.  

लैंड सर्वे

सबसे पहले ये समझते है कि लैंड सर्वे क्या है? बता दें कि बिहार में बीते 20 अगस्त से ही लैंड सर्वे शुरू हो गया है. लेकिन आम ग्रामीण लोगों के मन में अपनी जमीन को लेकर कई तरह के सवाल हैं. वहीं जिन लोगों के पास ज्यादा जमीन है, उन्हें यह डर है कि कहीं सरकार उनकी जमीन ना ले. इसके अलावा कुछ लोगों को डर है कि पुश्तैनी जमीन जिस पर उनका हक है, उस पर उनका नाम कैसे चढ़ेगा.

नाम कैसे चढ़ेगा

जमीन सर्वे के दौरान सबसे ज्यादा लोगों को डर इस बात का है कि पुश्तैनी जमीनों पर उनका नाम कैसे चढ़ेगा. बता दें कि सरकारी नियमों के मुताबिक जमीन सर्वे में किसी भी मृत व्यक्ति का नाम नहीं चढ़ाया जाएगा. किसी की जमीन का दस्तावेज दादा या परदादा के अलावा किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर है, जिनका निधन हो चुका है. ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के जितने वारिस हैं, सभी का नाम सर्वे में चढ़ाए जाएगा. इसके लिए पंचायत की ग्राम सभा से पारित वंशावली लगानी होगी. वहीं जमीन मालिक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी अनिवार्य है.

पैतृक संपत्ति

इसके अलावा अगर दादा-परदादा से मिली पैतृक संपत्ति है, जिसका बंटवारा नहीं हुआ है. ऐसी स्थिति में जमीन सर्वे में अलग-अलग नाम नहीं चढ़ाया जाएगा. दस्तावेज में पहले से जिनका नाम मौजूद है, उनके ही नाम भूमि सर्वे में चढ़ाए जाएगा. पैतृक संपत्ति का कोर्ट में विवाद चल रहा है, तो दस्तावेज में जो अभी मालिक है, उसका नाम सर्वे में चढ़ा दिया जाएगा, हालांकि इस दौरान कोर्ट केस का नंबर भी दर्ज किया जाएगा. अगर बाद में कोर्ट का फैसला आएगा, उसके आधार पर संशोधन कर दिया जाएगा.

कैसे मिलेगा कागज

इसके अलावा अगर आपके पास जमीन के कागजात नहीं हैं. जमीन पुश्तैनी है, तो खातियान से उसका नाम निकलवा सकते हैं. जमीन की रजिस्ट्री है, तो वो सर्वे में लगा सकते हैं. इसके अलावा आपको पंचायत से वंशावली भी बनवाकर देनी होगी. इसके लिए पांच गवाहों की भी जरूरत पड़ेगी. वहीं अगर रजिस्ट्री नहीं है और खातियान में भी जानकारी नहीं मिल रही है, तो जमीन से जुड़ी कोई पुरानी रसीद है, तो वो भी सर्वे में मान्य है. आसान भाषा में जमीन आपकी है, इसका कोई एक सबूत आपको सरकार के सामने पेश करना पड़ेगा.

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