सोशल मीडिया पर अभी फीफा वर्ल्ड कप के साथ साथ फिल्म पठान की वजह से बिकिनी भी चर्चा में है. दरअसल, फिल्म के एक गाने में एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने बिकिनी पहनकर डांस किया है, जिसे लेकर काफी विवाद हो रहा है. वैसे पहले भी कई बार बिकिनी को लेकर विवाद हो चुका है. बिकिनी को लेकर लोगों की अलग अलग राय है, जो अलग बात है. लेकिन, बिकिनी की एक कहानी भी है, जो वाकई दिलचस्प है. ये कहानी बताती है कि आखिर इस विवादित आउटफिट की शुरुआत कैसे हुई और सबसे पहली बार किस महिला ने इसे पहना था.
कैसे बनी बिकिनी?
दुनियाभर में दूसरे विश्व युद्ध के बाद काफी कुछ बदल गया था. जहां एक ओर कई लोग मारे गए, वहीं दूसरी ओर कई नई चीजों का भी जरूरत के हिसाब से आविष्कार हो गया. बिकिनी भी इस युद्ध के बाद ही अस्तित्व में आई और उसने महिलाओं के कपड़ों को लेकर कई पाबंदियों से पार पाया. कहा जाता है कि लड़ाई के बाद कहा जा रहा था कि औरतों के स्विमसूट के कपड़ों में कटौती होनी चाहिए और इसके बाद आया बिकिनी का आइडिया. इसके जनक फ्रांस के डिजाइनर लुई रियर्ड थे.
उन्हें कुछ महिलाओं को देखकर ये आइडिया आया था, जो कपड़ों को कम करके अपने स्किन को एक्सपोज करने की कोशिश कर रही थीं. इसके बाद उन्हें टू-पीस बिकिनी का आइडिया और उन्होंने ये खास स्विमसूट बनाया. लेकिन, इसे कोई महिला पहनकर फोटो क्लिक करवाने के लिए राजी नहीं थी. लेकिन बाद में एक मॉडल मिली, जिन्होंने बिकिनी के साथ फोटो शूट करवाया.
किसने पहली बार पहनी थी?
रिपोर्ट्स के अनुसार, फिर एक फ्रेंच मॉडल मेशलिन बेर्नीर्दीनी इसके लिए राजी हुईं और उन्होंने इसके साथ फोटोशूट करवाया. फिर एक मैगजीन में ये फोटोशूट छपा और फिर इसकी काफी चर्चा हुई.
कैसे पड़ा बिकनी नाम?
इसके नाम को लेकर कहा जाता है कि उस दौरान अमेरिका ने 1946 से 1958 तक कुल 60 एटम बम और हाइड्रोजन बम परीक्षण किए थे. ये विस्फोट बिकनी नाम के मार्शल द्वीप पर किए गए थे और उससे ही यह नाम आया है.
सबसे महंगी बिकिनी कौनसी है?
दुनिया में जिस बिकिनी को सबसे महंगी बिकिनी माना जाता है, वो डायमंड से बनी है. इस स्पेशल बिकिनी को बनाने के लिए 254 डायमंड का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें अलग अलग कैरेट के कई डायमंड शामिल हैं. अगर कीमत की बात करें तो इसकी कीमत 30 मिलियम डॉलर यानी करीब 240 करोड़ रुपये है.
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