भारत से इन देशों को हर साल दिए जाते हैं अरबों रुपए, मालदीव का भी नाम शामिल
भारत हर साल कई देशों को अरबों रुपए देकर उनकी मदद करता आया है. जिसमें मालदीव, भूटान और बांग्लादेश जैसे देश भी शामिल हैं. तो चलिए आज जानते हैं उन देशों और उनको दी जानेे वाली मदद के बारे में.
भारत के द्वारा हर साल अपने आसपास के कम विकसित देशों की मदद की जाती रही है. जिससे उन देशों की अर्थव्यवस्था का चलानेे में उनकी मदद की जा सके. इन देशों में कुछ ऐसे भी हैं जिनसे हालफिलहाल हमारे देश के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं. तो चलिए उन्हीं देशों और उन्हें कितनी मदद दी जाती है उसके बारे में जानते हैं.
इन देशों की मदद करता है भारत
भारत सरकार द्वारा उन देशों की मदद की जाती है जो अब भी विकासशील देशों में शामिल होने की लड़ाई लड़ रहे हैं या जिनको देश चलाने में संघर्ष करना पड़ रहा है.
भूटान- भूटान को सरकार द्वारा 2,398.97 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है. जिसमें 1,614.36 करोड़ रुपए का लोन भी शामिल है.
मालदीव- हालफिलहाल भारत के मालदीव से कुछ खास रिश्ते नहीं चल रहे हैं. हालांकि पहले से भारत सरकार के कर्ज में डूबे मालदीव को सरकार द्वारा 770.90 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है.
नेपाल- नेपाल को भी सरकार द्वारा 650 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है. भारत और नेपाल के बीच मुख्य रूप से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को लेकर विवाद है. नेपाल का दावा है कि महाकाली नदी के पूर्वी हिस्से में स्थित ये क्षेत्र 1816 की सुगौली संधि के तहत नेपाल का हिस्सा हैं. संधि के तहत नदी के पश्चिमी हिस्से को भारत का इलाका माना गया था. हालांकि इसके बावजूद भारत नेपाल की मदद करता आया है.
म्यांमार- म्यामांर सरकार को भारत सरकार द्वारा 370 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है.
मॉरीशस- टूरिस्ट प्लेस मॉरीशस को भारत सरकार द्वारा 330 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है.
अफगानिस्तान- भारत से ही अलग हुए अफगानिस्तान को सरकार द्वारा 220 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है. बता देें साल 1983 में अफगानिस्तान भारत से अलग होकर एक देश बना था.
बांग्लादेश- भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश को 130 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है. बता दें वैसे तो बांग्लादेश के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, लेकिन कभी-कभी दोनों देशों के बीच सीमा विवाद भी देखने को मिलता है.
इन देशों की भी की मदद
इनके अलावा भारत सरकार द्वारा श्रीलंका को 60 करोड़ रुपए, सेशेल्स को 9.91 करोड़ रुपए और मंगोलिया को 5 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है.
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