बिपरजॉय भारत के करीब बढ़ रहा है और अभी भारत से करीब 200 किलोमीटर दूर है. पाकिस्तान में भी तूफान का असर दिखने लगा है. कराची और लाहौर में तेज बारिश हो रही है. तूफान को देखते हुए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और तूफान से होने वाले नुकसान को कम से कम करने के लिए तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि तूफान में 150 किलोमीटर से  तेज रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे नुकसान होने की संभावना है. हवाओं की स्पीड के बारे में सुनने के बाद लोगों का मन में सवाल है कि आखिर इतनी तेज हवा से कितना नुकसान हो सकता है.


इसके अलावा तूफान आने पर लोगों के मन में ये भी ख्याल आता है कि कोई तूफान में उड़ ना जाए. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर इंसान को उड़ाने के लिए कितनी तेज हवा का होना जरूरी है और वो कौनसी स्थिति है, जिसमें एक इंसान भी हवा में उड़ सकता है. 


150 किलोमीटर की रफ्तार में क्या होता है?


अगर अभी तूफान के हिसाब से देखें तो बिपरजॉय में 150 की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. इस स्पीड में अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस के अनुसार, जब 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलतीहै तो इससे काफी नुकसान हो सकता है. इतनी तेज हवा में घर की छत और कच्चे मकानों को काफी नुकसान होता है. इसके अलावा पेड़ उखड़ जाते हैं और खंभे गिर जाते हैं या हवा में लगाए गए कई ऑब्जेक्ट भी गिर जाते हैं. इतनी स्पीड की हवा में कार अपनी जगह से हिल सकती है और इतनी हवा में 50 किलो के वजन का सामान भी उड़ सकता है. 


क्या इंसान भी उड़ सकता है?


अगर इंसान के उड़ने की बात करें तो हवा में किसी भी चीज का उड़ना कई चीजों पर निर्भर करता है. यह सामान की बनावट और उसपर लगने वाले फोर्स पर निर्भर करता है कि क्या हो सकता है. यह हवा के फोर्स, सामान के एरिया, सामान की बनावट, सामान की डिजाइन, प्रेशर आदि पर ये निर्भर करता है कि कोई चीज अपने स्थान से कितनी दूर तक मूव होगी. वहीं, इंसान की बात करें तो 150 की रफ्तार से भी कम स्पीड में भी इंसान मूव हो सकता है, लेकिन उड़ना मुश्किल हो सकता है. 


अगर उड़ने की बात करें तो ये हवा के फोर्स पर निर्भर करता है, जैसे टोरनेडो, बवंडर की स्थिति में ऐसा संभव हो सकता है. एक तो आपको बता दें कि इंसान ग्रेविटी की वजह से जमीन पर टिका रहता है, लेकिन अगर 70 माइल प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलती है तो ये ग्रेविटी के फोर्स पर हावी हो सकती है और इससे तेज हवा में ग्रेविटी का फोर्स अच्छे से काम नहीं कर पाता है और इंसान अपने स्थान से हिलने लगता है. पूरी तरह उड़ने में कई चीजें काम करती हैं. 


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