तूफान बिपरजॉय अभी भारत से कुछ ही देरी पर है. अनुमान है कि शाम तक बिपरजॉय भारत की सीमा में एंट्री ले लेगा. बिपरजॉय के भारतीय सीमा में आने से पहले काफी तैयारियां कर ली गई हैं. पहले से ही राहत केंद्रों और टीमों को तैयार कर दिया गया है. जिन इलाकों को बिपरजॉय सबसे पहले प्रभावित करेगा, उन इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. समुद्र के किनारे वाले इलाकों पर खास तैयारी कई गई है. अभी तूफान की वजह से मूवमेंट कम है, सड़कें पूरी तरह खाली हैं और बाजार बंद हो गए हैं और लोग घरों में हल्के डरे हुए बैठे हैं. काफी कम लोग बाहर दिखाई दे रहे हैं.
तूफान से पहले की इस शांति के बीच लोगों के मन में सवाल है कि आखिर जब तूफान भारतीय सीमा में प्रवेश करेगा तो उस वक्त के क्या हालात होंगे और क्या लोग किन परिस्थितियों का गवाह बनेंगे. तो जानते हैं जब तूफान किसी इलाके से गुजरता है तो उस दौरान वहां क्या हालात होते हैं...
जब तूफान आता है तो क्या होता है?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि जब बिपरजॉय तूफान आता है तो क्या होता है. दरअसल, जब तूफान आता है तो ऐसा नहीं है कि वो एकदम से एंट्री करता है. वैसे तो इसका प्रभाव कुछ दिन पहले से शुरू हो जाता है और पता चल जाता है तूफान आने वाला है. तूफान आने से पहले ही काफी तेज हवाएं चलने लग जाती है और समुद्र की लहरें काफी तेज होने लग जाती है. बिपरजॉय की स्थिति में भी कुछ ऐसा ही है और दो-तीन से प्रभावित इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं और माहौल काफी डरावना बन गया है.
वहीं, जब तूफान पूरी तरह किसी सीमा में घुसता है तो उस वक्त काफी तेज हवाएं चलती हैं और कई बार ये 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से होती है. इस वजह से हर तरह तबाही का मंजर होता है. काफी सामान उड़ जाता है, पेड़ गिर जाते हैं, बिजली के खंभे गिर जाते हैं, लोगों की छत उड़ जाती है या फिर कई बाहर रखे सामान इधर-उधर हो जाते हैं. इसके साथ ही काफी तेज बारिश होती है और कुछ हवाएं बवंडर के रुप में आती है. ये बवंडर काफी बड़े और प्रभावी होते हैं.
इस दौरान काफी तेज बारिश, हवा और समुद्र की लहरों में काफी बदलाव देखने को मिलता है. समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगती हैं और सुनामी जैसे हालात दिखने लगते हैं. समुद्र में पानी की सीमा काफी आगे तक बढ़ जाती है और आसपास के इलाकों तक लहरें पहुंचने लगती है. अभी ही लहरें आगे तक आने लगी हैं, तो जब तूफान टकराएगा तो हालात ज्यादा भयावह होंगे. अगर ये तूफान पहाड़ी इलाकों में आता है तो भूस्खलन का खतरा रहता है.
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