(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Birds Sing at Dawn : चिड़िया भोर में ही ज्यादा क्यों चहचहाती हैं?
आपने गौर किया होगा तो आपको पता होगा कि हर रोज सभी चीड़िया चहचहाने का काम सुबह के 4 बजे के आसपास ही करती हैं. दरअसल, इसके पीछे एक खास वजह होती है. चलिए जानते हैं उस वजह के बारे में.
आप अगर ऐसी किसी जगह रह रहे हैं जहां चीड़ियों की तादाद काफी है तो आपने नोटिस किया होगा कि हर सुबह भोर होते ही चीड़ियों की चहचहाहट तेज हो जाती है. हर तरफ सिर्फ उनका ही शोर सुनाई देता है. सुनने में ये कानों को बहुत सुकून देता है, लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि ऐसा आखिर भोर में ही चीड़िया क्यों करती हैं. चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह.
सुबह कितने बजे ऐसा होता है?
आपने गौर किया होगा तो आपको पता होगा कि हर रोज सभी चीड़िया ऐसा सुबह के 4 बजे के आसपास ही करती हैं. यानी सूरज निकला नहीं होता, लेकिन आसमान में रौशनी आ जाती है. चीड़िया इस रौशनी में उठ जाती हैं और पेड़ों पर बैठ कर चहचहाने लगती हैं. चलिए अब बताते हैं कि आखिर इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह क्या है.
भोर में पक्षी ऐसा क्यों करते हैं?
वुडलैंड ट्रस्ट के अनुसार, भोर में लगभग 4 बजे पक्षी ऐसा एक खास कारण से करते हैं. अगर आपको लगता है कि पक्षी भोर में उठकर गाना गाते हैं तो आप गलत हैं. दरअसल, सुबह चार बजे सभी पक्षी उठकर शोर इसलिए मचाते हैं ताकि वो दूसरे पक्षियों को मेटिंग के लिए आकर्षित कर सकें. इसके साथ ही वो अपने इलाके से दूसरे पक्षियों को दूर रहने की चेतावनी देने के लिए भी इस चहचहाहट का इस्तेमाल करते हैं.
वो ऐसा भोर में ही क्यों करते हैं?
अब सवाल उठता है कि आखिर वो ऐसा भोर में ही क्यों करते हैं. इसके पीछे की असली वजह क्या है. इस रिपोर्ट के अनुसार, पक्षी ऐसा करने के लिए भोर का ही समय इसलिए चुनते हैं क्योंकि उस वक्त वातावरण में रौशनी और हलचल कम होती है. इसके साथ ही कम रौशनी के कारण वो अपने लिए भोजन खोजने में भी सक्षम नहीं होते. इसलिए वो सुबह उठते ही कुछ और करने की बजाय चहचहाने का विकल्प चुनते हैं. कई बार ये कुछ मिनटों के लिए होता है , लेकिन कई बार ये लगभग एक घंटे तक चलता है.
वहीं एक अन्य रिसर्च में यह बात सामने आई कि चिड़ियों के ऐसा करने की वजह एक खास तरह का एंड्रोजन हॉर्मोन होता है. दरअसल, एंड्रोजन सेक्स हॉर्मोन का एक ग्रुप होता है और जब चिड़ियों में इस हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है तो ये मिलन के लिए तैयार होती हैं. सुबह के समय जब नर चिड़िया तेज आवाज में चहचहाते हैं तो उनमें इस हॉर्मोन का स्तर बढ़ने लगता है. वहीं नर चिड़िया की चहचहाहट सुनकर मादा में भी इस हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है.