Lucky Birth Mark : बर्थमार्क को कुछ लोग लकी मानते हैं, कुछ अनलकी. कुछ लोगों में भ्रम होता है कि बर्थमार्क किसी बीमारी होने का निशान तो नहीं है. लोग इसकी मेडिकली जांच तक कराने को पहुंच जाते हैं. डॉक्टरों के पास कई मामले तक इस तरह के पहुंचते हैं. आज हम बर्थ मार्क को ही जानने की कोशिश करते हैं. जन्म से बॉडी पर होने वाला यह निशान असल में होता क्यों हैं? इसके होने का मतलब कोई बीमारी तो नहीं है? इसके क्या लाभ हैं और क्या नुकसान?
ऐसे होते हैं वाटर मार्क, जान लिजिए
वस्कुलर बर्थमार्क में ब्लड वेसेल्स सही ढंग से काम नहीं करती हैं. तब स्किन के उस हिस्से पर एक मार्क बनता है. जन्म से होने के कारण इसे बर्थ मार्क कहा जाता है. मैकुलर स्टेन वस्कुलर बर्थमार्क में मैकुलर स्टेन भी आता है. यह नाक, पलक, माथा, गर्दन या पीछे हलके लाल रंग के पैचेज के रूप में देखने केा मिलता है. कई बार कैपिलरीज चौड़ा होने पर यह बन जाते हैं. हेमंगिओमा तिल बड़ा होने पर त्वचा पर दिखने लगता है. ये तिल लाल रंग के होते हैं. पोर्ट विन स्टेन स्किन पर वाइन के कलर का दाग होता है.
बर्थमार्क खुद ही बन जाते हैं
डॉक्टरों का कहना है कि बर्थमार्क बनने के पीछे कोई विशेष कारण नहीं होेता है. यह खुद ही बन जाते हैं. न ही इसका कोई मेडिकल कनेक्शन है. प्रेग्नेंसी में मां का भी कोई प्रभाव इस तरह से क्लीनिकली नहीं देखने को मिलता है.
कान्फीडेंस लेवल में आती है कमी
बर्थमार्क का जुड़ाव हेल्थ के निगेटिव इफेक्ट के तौर पर तो नहीं देखा गया है. लेकिन इसकी वजह से लोगों में अकर बड़े होने पर कान्फीडेंस की कमी देखने को मिलते हैं. बर्थ चेहरे या फिर कहीं बाहर से ही दिखने वाली जगह पर है तो व्यक्ति शर्मिंदगी महसूस करने लगता है. लोग भी अकसर टोक देते हैं.
इलाज कराने से पहले सोच लिजिए
एक बात और कुछ पेरेंट्स सोचते हैं कि बर्थमार्क बच्चे के जीवन को इफेक्ट कर सकता है. कई बार बर्थमार्क अपने आप ही चले जाते हैं. लेकिन लोग इसे हटवाने के लिए जुट जाते हैं. लोगों को इसे हटवाने से पहले सोचने की जरूरत हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि बर्थमार्क जीवन भर एक जैसा ही रह सकता है. इससे घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं हैं. यदि हटवाना ही है तो किसी विशेषज्ञ से सर्जरी या लेजर ट्रीटमेंट से हटवाएं. की वजह से बर्थमार्क को हटाया जाता है.
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