जब हम कारों की बात करते हैं, तो आमतौर पर हमारे मन में पेट्रोल या डीजल से चलने वाली गाड़ियां आ जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब विज्ञान और तकनीक ने एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है? जी हां, अब ऐसी कारें भी आ गई हैं जो वाइन से चलती हैं! ये सुनकर आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन यह सच है. ऐसे में चलिए आज हम जानते हैं कि आखिर कौन से कारें वाइन से चलती हैं और इसके पीछे क्या विज्ञान है.


इन कारों को पड़ती है पेट्रोल या डीजल नहीं बल्कि वाइन की जरुरत


वाइन से चलने वाली कारों का विचार पहले पहल एक शोध परियोजना के तहत आया. वैज्ञानिकों ने सोचा कि वाइन में मौजूद एथेनॉल (Ethanol) एक प्रकार का अल्कोहल है, जिसे ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. एथेनॉल एक नवीकरणीय स्रोत है, जो कृषि उत्पादों, जैसे गन्ना, मकई और अंगूर से प्राप्त किया जा सकता है. इसके उपयोग से हम पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम कर सकते हैं.


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क्या है एथेनॉल की खासियत?


वाइन से पाया गया एथेनॉल एक नवीकरणीय संसाधन है, जो पर्यावरण के लिए ज्यादा सुरक्षित है. बता दें पेट्रोल और डीजल की तुलना में एथेनॉल जलाने से कम हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है. साथ ही एथेनॉल में ऊर्जा की उच्च क्षमता होती है, जिससे गाड़ियों को बेहतर गति और प्रदर्शन मिलता है.


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वाइन से चलने वाली कारों में क्या होता है खास?


वाइन से चलने वाली कारों में एथेनॉल को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कुछ तकनीकी बदलावों की जरुरत होती है. इन कारों के इंजनों को एथेनॉल के लिए खासतौर पर संशोधित किया जाता है. इसका मतलब है कि इंजन के कुछ भागों को मजबूत बनाना और ईंधन प्रणाली में बदलाव करना होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि वाइन से बनी एथेनॉल को सीधे टैंक में भरकर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसे सही तरीके से फिल्टर करने की जरुरत होती है. आधुनिक कारों में इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जिससे एथेनॉल के घोल को उचित तरीके से सेट किया जा सके.                    


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