ब्लैक होल अंतरिक्ष का वह क्षेत्र है जहां गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि वह कोई भी वस्तु, यहां तक कि प्रकाश को भी अपनी ओर खींच लेता है और उसे अपने में समा लेता है. कोई भी चीज अगर ब्लैक होल के नजदीक जाती है तो उसका उससे बचना लगभग नामुमकिन है. चलिए आपको आज इस आर्टिकल में बताते हैं कि जो तारे ब्लैक होल में समा जाते हैं आखिर उनका होता क्या है.
पहले समझिए ब्लैक होल बनता कैसे है
जब कोई बड़ा तारा सुपरनोवा के रूप में विस्फोट करता है, तो इसकी वजह से बहुत ढेर सारी ऊर्जा निकलती है. इस विस्फोट के बाद तारे का बाहरी भाग अंतरिक्ष में फैल जाता है, जबकि आंतरिक भाग भारी दबाव और घनत्व के कारण ब्लैक होल का निर्माण करता है. यह प्रक्रिया इतनी तेजी से होती है कि विस्फोट के कुछ ही समय बाद तारे का भौतिक रूप पूरी तरह से गायब हो जाता है और वह एक ब्लैक होल में तब्दील हो जाता है.
ब्लैक होल में जब तारे समा जाते हैं
जब तारे ब्लैक होल के नजदीक पहुंचते हैं, तो उनके साथ क्या होता है, यह एक बड़ा सवाल है. दरअसल, ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि वह अपने पास आने वाली हर चीज को अपने आप में समा लेता है. चाहे वह प्रकाश हो या कोई ग्रह या फिर कोई तारा. जब ये घटना होती है कि तो इसे इवेंट हॉरिज़न कहा जाता है. जब तारे ब्लैक होल के पास आते हैं, तो उनका बाहरी भाग सबसे पहले ब्लैक होल की खींचता है और यह प्रक्रिया एक डिस्क का निर्माण करती है, जिसे "एक्रिशन डिस्क" कहा जाता है.
इसके बाद क्या होता है
जैसे ही तारा ब्लैक होल की ओर खींचता है, तारे का पदार्थ ब्लैक होल के इर्द-गिर्द घूमने लगता है, वह अत्यधिक गर्म हो जाता है और इससे शक्तिशाली विकिरण उत्पन्न होता है. यह विकिरण एक्स-रे और गामा किरणों के रूप में हो सकता है, जो अंतरिक्ष में फैले होते हैं. बाद में वैज्ञानिक इस विकिरण पर रिसर्च करके ब्लैक होल और उसके चारों ओर के वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं.
अंत में क्या होता है?
दरअसल, जैसे ही तारे का पदार्थ ब्लैक होल में समाहित होता है, उसका भौतिक रूप से दिखना खत्म हो जाता है. विज्ञान की भाषा में कहें तो एक बार जब कोई वस्तु इवेंट हॉरिज़न के पार जाती है, तो इसे वापस नहीं लाया जा सकता. यह प्रक्रिया हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वास्तव में पदार्थ और ऊर्जा का कोई अंत होता है या वे किसी अन्य रूप में परिवर्तित होते हैं. आसान भाषा में कहें तो वैज्ञानिकों को आज तक ये नहीं पता चल पाया कि जो चीज ब्लैक होल में जाती है आखिर उसका होता क्या है.
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