दुश्मन देशों पर बम बरसाने वाले प्लेन क्यों होते हैं खास, जानें क्यों कहलाते हैं बॉम्बर
अगर किसी भी देश की एयर पॉवर की बात होती हैं, तो इनमें बॉम्बर विमानों का दबदबा हमेशा से रहा है. ये जहाज दुश्मन के इलाके में टारगेट पर न केवल बम गिराते हैं, बल्कि जमीनी लड़ाई में भी बढ़त भी दिलाते हैं.
बीते कुछ सालों में दुनिया बहुत तेजी से बदली है. दुनिया के कई अलग-अलग हिस्सों में कई युद्ध देखने को मिले हैं, जिन्होंने कई बड़े देशों को अपनी मिलिट्री आवश्यकताओं को एडवांस करने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में बॉम्बर विमानों की मांग काफी बढ़ गई है. तमाम बड़े देशों के पास बॉम्बर विमानों का जखीरा है. ये विमान किसी भी जंग में बढ़त दिलाने के लिए जाने जाते हैं.
अगर किसी भी देश की एयर पॉवर की बात होती हैं, तो इनमें बॉम्बर विमानों का दबदबा हमेशा से रहा है. ये जहाज दुश्मन के इलाके में जाकर टारगेट पर न केवल बम गिराते हैं, बल्कि जमीनी लड़ाई लड़ने वाली सेनाओं को बढ़त भी दिलाते हैं. आइए जानते हैं इन विमानों की खासियत...
दो तरह के होते हैं बॉम्बर विमान
बॉम्बर विमान मुख्य तौर पर दो प्रकार के होते हैं. स्ट्रेटजिक और टैक्टिकल. स्ट्रेटजिक बॉम्बर विमान काफी दूरी तक बम गिराने में सक्षम हैं. ये विमान दुश्मन के इलाकों में घुसकर चुपचाप बम गिराकर वापस आ सकते हैं, साथ ही इन पर निशाना साधना भी काफी मुश्किल होता है. वहीं टैक्टिकल बॉम्बर का इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है, जो जमीनी लड़ाई में बढ़त दिलाने का काम करते हैं. दुनिया के जिन देशों के पास भी बॉम्बर विमान हैं, दुनिया उनका लोहा मानती है. इन विमानों से कई हजार किलोग्राम तक के बम व विस्फोटक ले जाकर वार किया जा सकता है. बात दें, हिरोशिमा और नागासाकी में अमेरिका ने उस समस के बॉम्बर बी-29 का इस्तेमाल किया था.
यूएस एयरफोर्स में हैं कई खतरनाक बॉम्बर
दुनिया में यूएस एयरफोर्स का मुकाबला किसी से नहीं है. इसकी वजह से खतरनाक बॉम्बर. बता दें, अमेरिकी एयरफोर्स लंबे समय से बॉम्बर विमानों का प्रयोग करती आ रही है. मई, 2024 में अमेरिका ने सिक्सथ जनरेशन के स्टेल्थ बॉम्बर बी-21 राइडर की तस्वीरें जारी की थीं, इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये बॉम्बर किसी भी राडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन के इलाकों में बम गिराकर वापस आ सकते हैं. ये विमान 2000 किलोमीटर/ घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम हैं. खास बात यह है कि इन विमानों को पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियारों से लैस किया जा सकता है.
भारत के पास नहीं है कोई बॉम्बर
इंडियन एयरफोर्स भी ताकत का मुकाबला करना भी आसान नहीं है. वजह है कि भारत के पास उन्नत श्रेणी के लड़ाकू विमानों का बड़ा जखीरा है. हालांकि, भारत के पास अब तक कोई बॉम्बर विमान नहीं है. भारत अपने बॉम्बर विमानों पर काम कर रहा है. हालांकि, बीते दिनों ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि रूस ने अपने सबसे ताकतवर बमवर्षक विमान Tu-160 की पेशकश भारत को की थी. इस विमान से बड़े बम, हाइपरसोनिक, सुपरसोनिक व क्रूज मिसइालें दागी जा सकती हैं.
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