(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अगर पीते हैं बोतल वाला पानी तो पिता बनने में हो सकती हैं दिक्कतें... एक रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
फ्रंटियर्स डॉट ओआरजी की रिसर्च में खुलासा हुआ है कि बोतल वाले पानी बॉडी के हार्मोंस को नुकसान पहुंचाते हैं. यहां तक कि यह हमारे एंडोक्राइन सिस्टम को पूरी तरह से तहस-नहस करने की क्षमता रखते हैं.
पानी के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती. पानी ना होता पृथ्वी पर जीव भी ना होते. एक वक्त था जब लोग तालाबों, नदियों और कुओं से पानी लेकर अपनी प्यास बुझाया करते थे. फिर दौर आया हैंडपंप का, तब तक भी मामला ठीक था. लेकिन अब पानी प्लास्टिक की बंद बोतलों में बिकने लगा है. पहले यह सिर्फ होटलों में दिखता था, लेकिन अब घर-घर में बोतल वाले पानी ने अपनी पैठ बना ली है. जिस पानी को आप मिनरल वाटर समझकर पी रहे हैं, वह आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक है इसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते. आज हम आपको इस आर्टिकल में प्लास्टिक के डिब्बों में बंद पानी की असली कहानी बताएंगे और समझाएंगे कि कैसे यह पानी अब मानव सभ्यता के लिए संकट बनता जा रहा है.
रिसर्च में क्या हुआ खुलासा
फ्रंटियर्स डॉट ओआरजी की रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जैसे ही बोतल में बंद पानी सूर्य की रोशनी के संपर्क में आता है और गर्म होने लगता है प्लास्टिक के बोतल में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक उसमें खुलने लगते हैं. यह पानी के जरिए हमारे शरीर में जाते हैं और बॉडी के हार्मोंस को नुकसान पहुंचाते हैं. यहां तक कि यह हमारे एंडोक्राइन सिस्टम को पूरी तरह से तहस-नहस करने की क्षमता रखते हैं. अगर आप लंबे समय तक यह बोतल बंद पानी पीते हैं तो आपके अंदर इनफर्टिलिटी की समस्या पैदा हो जाएगी, यानी आप भविष्य में माता या पिता बनने लायक नहीं रहेंगे. यहां तक कि यह बोतल बंद पानी आपके लीवर को भी नुकसान पहुंचा रहा है.
प्लास्टिक से पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है
बोतल वाले पानी के साथ सबसे बड़ी समस्या है उसका प्लास्टिक के बोतल में आना. पानी पीने के बाद इस बोतल का कोई यूज़ नहीं रह जाता इस वजह से इसे यूं ही फेंक दिया जाता है. यह हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, हर 1 मिनट में इस पृथ्वी पर 10 लाख प्लास्टिक की बोतल खरीदे जा रहे हैं. वहीं, यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 में पूरी दुनिया में 480 अरब प्लास्टिक की बोतलें बेची गईं.
दूषित पानी के वजह से इतने लोगों की गई जान
बोतल वाला पानी पीने को लोग इसलिए मजबूर है, क्योंकि अब उन्हें साफ पानी नलों से नहीं मिल रहा है. शहरों में रहने वाले ज्यादातर लोग जो एक्वा गार्ड या आरओ सिस्टम अपने घरों में नहीं लगा सकते वह बोतल के पानी पर निर्भर हैं. वहीं लैंसेट जर्नल में छपी ग्लोबल बर्डन ऑफ़ डिजीज स्टडी की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में दूषित पानी पीने से दुनियाभर में करीब 12 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
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