(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जहरीली चींटियों से कटवाए जाते हैं लड़के, मर्दानगी साबित करने का है अजीबोगरीब तरीका
ब्राजील में एक ऐसी जनजाति है. जहां लड़के को वयस्क बनने के लिए एक अजीबोगरीब अग्नि परीक्षा से गुजरना होता है. लड़कों को तभी मर्द माना जाता है जब वह चीटियों से कटवाते हैं. जानें पूरी प्रथा.
दुनिया बड़ी विचित्र जगह है. यहां आज भी बहुत सी जगह ऐसी हैं जिनके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होता है. दुनिया में अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो आधुनिकता से दूर-दूर तक वाकिफ नहीं है. दुनिया के दूर दराज इलाकों में कई प्रकार की जनजातियां रहती हैं. जिनकी हैरान करने वाली प्रथाएं होती हैं. कुछ जनजातियों में लड़कों के व्यस्क बनने के लिए कुछ अजीबोगरीब प्रथाएं होती हैं जो उन्हें पूरी करनी होती है. तभी जाकर वह मर्द कहलाते हैं और उनका विवाह होता है. ऐसी ही एक जनजाति ब्राजील में है. जहां लड़कों को मर्दानगी साबित करने के लिए चींटियों से कटवाना पड़ता है. चलिए जानते हैं क्या है इसके पीछे की कहानी.
चींटियों से कटवा कर बनते हैं मर्द
ब्राजील में एक ऐसी जनजाति है. जहां लड़के को वयस्क बनने के लिए एक अजीबोगरीब अग्नि परीक्षा से गुजरना होता है. इसके बारे में आप जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे. अमेजन के जंगलों में रहने वाली साटेरे-मावा जनजाति के लोग सदियों से इस परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं. इस जनजाति के लड़कों को समुदाय के सभी लोगों के सामने यह साबित करना होता है कि वह बड़े हो चुके हैं. इसके लिए उन लड़कों को अपने आप को खतरनाक चीटियों से कटवाना होता है. तभी जाकर ही साबित होती है उनकी मर्दानगी और इसके बाद ही उनकी शादी हो पाती है.
होता है असहनीय दर्द
इस प्रथा में खतरनाक मानी जाने वाली बुलेट चींटियों को दस्तानों में रखा जाता है. और इसके बाद लड़कों को उन दस्तानों में हाथ डालने होते हैं. दस्तानों में मौजूद बुलेट चींटियां हाथों को काटती हैं. इसके बाद असहनीय दर्द होता है. लड़कों के हाथ सूज जाते हैं और महीना तक हाथों से दर्द नहीं जाता. लड़कों को इन दस्तानों को 10 मिनट तक पहनना होता है. और इसके बाद उनका पारंपरिक नाच गाना होता है. साटेरे-मावा जनजाति में यह प्रथा है कि लड़कों को साबित करना होता है कि वह दर्द सहने लायक है तभी उन्हें मर्द माना जाता है.
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