क्या आपने कभी शाम को पार्क में टहलते हुए पेड़ पौधों पर ध्यान दिया है. अगर आप ध्यान से देखेंगे तो दिखेगा कि जितने भी छोटे पौधे होते हैं, उनमें से ज्यादातर की पत्तिया सूर्यास्त के बाद आपस में चिपक जाती हैं, यानी सिकुड़ जाती हैं. वहीं ज्यादातर पेड़ों की डालियों को आप जब ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा कि वो सूर्यास्त के बाद झुकी हुई नज़र आती हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है. इसके पीछे कौन सा विज्ञान काम करता है.


क्या कहते हैं वैज्ञानिक?


वैज्ञानिकों ने जब इस पर रिसर्च किया तो पता चला कि इसके पीछे जो कारण है वो पेड़ पौधों की पत्तियों में पाया जाने वाला पानी है. दरअसल, कुछ वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब जानने के लिए पेड़-पौधों की टेरेस्ट्रियल लेजर स्कैनिंग की. इस स्कैनिंग के जो आंकड़े निकल कर सामने आए, उनसे पता चला कि पत्तियों और पेड़ों की डालियों में पानी की स्थिती में आने वाले बदलाव के कारण ऐसा होता है. दरअसल, रात के समय पेड़ों की डालियां और पत्तियां अपने अंदर पानी संग्रह करती हैं, इस वजह से उनका वजन बढ़ जाता है और वो नीचे की ओर झुक जाती हैं.


कोई डाली कितनी झुक सकती है


अब सवाल उठता कि रात में किसी पेड़ की डाली कितना झुक सकती है. इसका भी जवाब इसी रिसर्च में सामने आया. दरअसल, वैज्ञानिक मानते हैं कि कोई पेड़ या पौधा कितना झुक सकता है, ये उसकी प्रजाति पर निर्भर करता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ पेड़ ऐसे हैं जिनका झुकाव 20 सेंटीमीटर तक हो सकता है. वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड और रिसर्च से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता सामुली जुन्त्तिला का कहना है कि पेड़ की डालियों की स्थिति में आने वाले बदलावों की निगरानी करके हम यह जान सकते हैं कि पेड़ के अंदर पानी कैसे प्रवाहित यानी बहता है.


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