केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पेस मिशन को बढ़ावा देने के लिए बजट का प्रावधान किया है. वित्तमंत्री ने 23 जुलाई को बजट पेश किया था, जिसमें उन्होंने भारतीय स्पेस इकॉनमी यानी अंतरिक्ष आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपने बजट में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. अब सवाल ये है कि स्पेस मिशन पर सबसे ज्यादा कौन से देश खर्च करते हैं और कितना खर्च करते हैं.


स्पेस मिशन


भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने पिछले 2 दशक में स्पेस को लेकर कई बड़े मिशन किये हैं. इन मिशन को देखकर दुनियाभर की स्पेस एजेंसियां भी प्रभावित हैं. स्पेस मिशन को बढ़ावा देने के लिए मोदी 3.0 सरकार में 1000 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है. वहीं बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि स्पेस इकॉनमी अगले एक दशक में पांच गुना ज्यादा हो जाएगी. यह एक वेंचर कैपिटल फंड है. इसके जरिए स्पेस इंडस्ट्री में निवेश किया जाएगा. 


स्पेस सेक्टर के एक्सपर्ट के मुताबिक भारतीय स्पेस इकॉनमी अभी 8.4 बिलियन डॉलर यानी 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की है. वहीं अगले एक दशक में यह 3.68 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की हो जाएगी. इसका मतलब है कि वैश्विक स्पेस इकॉनमी में भारत का हिस्सा दो फीसदी से बढ़कर 8 फीसदी हो जाएगा. 


कौन करता है स्पेश मिशन पर ज्यादा खर्च ?


अब सवाल ये है कि कौन सा देश स्पेस मिशन पर सबसे ज्यादा खर्च करता है. 2023 के आंकडों के मुताबिक अमेरिका ने अपने स्पेस एजेंसी नासा पर 73.2 बिलियन डॉलर खर्च किया था. वहीं चीन ने 14.15 बिलियन डॉलर खर्च किया था. जापान ने 4.65 बिलियन डॉलर खर्च किया था और फ्रांस ने 3.47 बिलियन डॉलर खर्च किया था. इसके अलावा रूस ने 3.41 बिलियन डॉलर, यूरोपियन यूनियन ने 2.81 बिलियन डॉलर,जर्मनी ने 2.29, इटली ने 2.11 बिलियन डॉलर और भारत ने 1.69 बिलियन डॉलर, यूके ने 1.45 बिलियन डॉलर खर्च किया था. 


इसके अलावा वर्ष 2022 में अमेरिका ने सबसे अधिक 61.97 बिलियन यूएस डॉलर खर्च किया था. चीन ने 11.94 बिलियन यूएस डॉलर,जापान ने 4.9 बिलियन यूएस डॉलर, फ्रांस ने 4.2 बिलियन यूएस डॉलर, रूस ने 3.42 बिलियन यूएस डॉलर, जर्मनी ने 2.53 बिलियन यूएस डॉलर, भारत ने 1.93 बिलियन यूएस डॉलर,इटली ने 1.74 बिलियन यूएस डॉलर, यूके ने 1.15 बिलियन यूएस डॉलर दक्षिण कोरिया ने 0.72 बिलियन डॉलर और यूरोपियन यूनियन ने 2.6 बिलियन डॉलर खर्च किया था. 


2023 में भारत के मिशन


चंद्रयान 3


इस मिशन के साथ भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने 2023 में एक नया इतिहास रचा है. चंद्रयान ने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की है. वहीं यह ऐसा पहला यान बना है, जो चांद के साउथ पोल पर उतरा है. चंद्रयान 3 के जरिए भारत अब रूस, यूएस और चीन के एलिट क्लब में शामिल होने वाला चौथा देश बन गया है. जिनके यान चांद पर उतर चुके हैं.


आदित्य एल 1 मिशन


चांद पर यान उतारने के बाद भारत ने अगला यान सूरज की ओर रवाना किया है. ये भारत की पहले स्पेस बेस्ड सोलर ऑब्जर्वेटरी है, जो पृथ्वी से तकरीबन 1.5 मिलियन किमी की दूरी पर जाकर स्थित होगा और सूरज से जुड़े विभिन्न पहलुओं की स्टडी करेगा.


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