लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार का गठन हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मंत्रीमंडल में कुल 72 मंत्री बनाए गए हैं. इसबार फिर चुनकर आए सांसदों को फिर से सीट पाने में कामयाबी मिली है, जिनमें से कुछ मंत्री बीजेपी के हैं तो कुछ एनडीए में शामिल सहयोगी दलों के भी हैं. इन सब के इतर लोगों के मन में अक्सर ये सवाल कौंधता है कि आखिर मंत्री मंडल में शामिल केंद्रीय मंत्री को कितना वेतन भत्ता मिलता होगा? या फिर उसकी सैलरी कितनी होती होगी? चलिए जान लेते हैं.


अलग-अलग होते हैं मंत्रालय


भारत में तीन तरह के मंत्री होते हैं, पहला कैबिनेट मंत्री, दूसरा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और तीसरा राज्यमंत्री. ये सभी मंत्रीमंडल का हिस्सा होते हैं. जिनपर अपने-अपने मंत्रालय का नेतृत्व होता है. किसी भी मंत्रालय में पहला स्थान कैबिनेट मंत्री का होता है. ये केंद्रीय कैबिनेट बैठक में भी शामिल होते हैं और सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं.


क्या होता है राज्यमंत्री का काम?


एक मंत्रालय में कई राज्यमंत्री होते हैं. जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं. कैंबिनेट मंत्री की मदद के लिए किसी एक मंत्रालय में कई राज्य मंत्री भी नियुक्त किए जा सकते हैं. दरअसल बता दें कि एक मंत्रालय में कई विभाग होते हैं, जिनका कामकाज राज्यमंत्री देखते हैं. इन्हीं राज्य मंत्रियों की मदद से कैबिनेट मंत्री विभाग का कामकाज देखते हैं.


ये मिलती हैं सुविधाएं


मंत्रीपद पर बैठते ही सभी मंत्रियों को सरकार द्वारा कई सुविधाएं भी दी जाती हैं. जिनमें सबसे पहले दिल्ली में सरकार बंगला दिया जाता है. वहीं वेतन की बात करें तो कैबिनेट मंत्री को हर महीने एक लाख रुपए मूल वेतन के रूप में दिए जाते हैं.


इसके साथ ही सांसदों की तरह निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 रुपए मिलता है. उन्हें अपने कार्यालय के लिए भी हर महीने 60,000 रुपए दिए जाते हैं. इसके अलावा सत्कार भत्ता के रूप में 2,000 रुपए दिए जाते हैं. यदि कोई डिप्टी मंत्री बनाया जाता है तो उसको सत्कार भत्ते के रूप में 600 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिये जाते हैं.


यात्राओं पर रहती है छूट


मंत्रियों को सांसदों की ही तरह ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास में जितनी भी यात्राएं करनी हों, उसकी छूट रहती है, यदि उनके साथ में कोई सहायक या उनकी पत्नी यात्रा कर रही हो तो उन्हें सेकंड एसी क्लास में यात्रा की छूट रहती है. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को पेंशन और फ्री रेल यात्रा के अलावा चिकित्सा की सुविधाएं भी निशुल्क दी जाती हैं. कैबिनेट मंत्री की ही तरह ये सारी सुविधाएं राज्यमंत्री और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार को भी मिलती हैं.


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