केंद्र सरकार ने सोमवार की शाम यानी आज देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नियम को लागू कर दिया है. सीएए को लेकर केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. वहीं इस दायरे में आने वाले लोगों के लिए पोर्टल भी लॉन्च कर दिया गया है, जिस पर गैर मुस्लिम प्रवासी समुदाय के लोग नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहा है कि जो लोग गैर भारतीय देश में रहते हैं और वो सीएए के दायरे में नहीं आ रहे हैं, वो कैसे नागरिकता पा सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे सीएए के दायरे में नहीं आने वाले लोग कैसे नागरिकता पा सकते हैं.


कैसे मिलेगी भारत की नागरिकता?  


भारत की नागरिकता पाने के कई नियम हैं. उदाहरण के लिए कोई भारतीय लड़की या लड़का अगर किसी विदेशी लड़के या लड़की से शादी करते हैं, तो वो विदेशी लड़की या लड़का भारत में नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा अगर कोई विदेशी भारत में 11 से 15 साल से रह रहा है तो वह भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन का सकता है. लेकिन इसमें ध्यान रखने वाली बात ये है कि भारत में उस व्यक्ति की एंट्री गैर-कानूनी नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा भारत में जन्म लेने वाले बच्चे को भारत की नागरिकता मिलती है. 


कुछ अन्य नियमों के मुताबिक भी भारत की नागरिकता मिलती है. जैसे कोई व्यक्ति 7 साल तक सामान्य तौर पर भारत में निवास करता है, तो वह नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. वहीं अगर किसी व्यक्ति का अच्छा चरित्र है और वो भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित भाषा की पर्याप्त जानकारी रखता  है तो वो भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. आसान भाषा में भारतीय नागरिकता के नियम के मुताबिक कोई भी शख्स आवेदन कर सकता है.


सीएए 


भारत सरकार द्वारा लागू सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के मुताबिक सिर्फ तीन मुस्लिम देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. हालांकि यह नागरिकता सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगी, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए हैं. सीएए के नियमों के मुताबिक इसमें 6 गैर-मुस्लिम समुदाय जिनमें हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं. 


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