दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी गिरफ्तार कर सकती है. सभी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या सीएम पद रहते हुए अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की जा सकती है. जहां सीएम की गिरफ्तारी की खबर सभी को चौंका देती है तो वहीं अमूमन ये सवाल भी मन में पैदा होता है कि इस पद रहते हुए कानून क्या होते होंगे और गिरफ्तारी के नियम क्या होंगे? दरअसल सीएम की गिरफ्तारी विशेष स्थिति में ही की जा सकती है. तो चलिए आज हम जानते हैं सीएम की गिरफ्तारी के लिए नियम और कानून क्या कहते हैं.


क्रिमिनल मामलों में हो सकती है सीएम की गिरफ्तारी?
कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर 135 के तहत किसी भी मुख्यमंत्री या विधान परिषद को गिरफ्तारी में छूट मिली हुई है. हालांकि ये छूट सिर्फ विधान मामलों में ही है. ऐसे में यदि किसी मुख्यमंत्री या विधानसभा सदस्य पर किसी प्रकार का क्रिमिनल मामला दर्ज हो जाता है तो कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर के तहत उसे छूट नहीं मिलती है और उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. हालांकि यहां भी एक नियम लागू होता है और वो है विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी. लॉ के अनुसार यदि किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जाना है तो सबसे पहले सदन के अध्यक्ष की मंजूरी लेना अनिवार्य होता है और मंजूरी मिलने के बाद ही मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है.


सदन में किया जा सकता है गिरफ्तार?
धारा 135 ये भी कहती है कि किसी भी मुख्यमंत्री या विधानसभा सदस्य को विधानसभा सत्र शुरू होने के 40 दिन पहले और सत्र खत्म होने के 40 दिन बाद तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. वहीं मुख्यमंत्री और किसी विधानसभा सदस्य को सदन से भी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.


किन पदों पर रहते हुए आरोपी को नहीं किया जा सकता गिरफ्तार?
अनुच्छेद 61 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. कानून के अनुसार ये गिरफ्तारी किसी भी आरोप में यानी सिविल और क्रिमिनल दोनों के तहत नहीं की जा सकती. यदि राष्ट्रपति और राज्यपाल अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं तो उस स्थिति में दोनों को गिरफ्तार किया जा सकता है.