क्या पाकिस्तानी लड़की भारत में कर सकती है शादी, उसे कैसे मिलेगी भारतीय नागरिकता?
सोशल मीडिया के कारण आज दुनियाभर के लोग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. सोशल मीडिया के जरिेए लोग एक दूसरे से दोस्ती, प्यार और यहां तक की शादी भी कर रहे हैं. जानिए भारत में इसको लेकर क्या नियम हैं.
दुनियाभर के सभी देशों में नागरिकता पाने के लिए अपने नियम होते हैं. अमेरिका, ब्रिटेन जैसे कई देशों में नागरिकता पाने के लिए काफी सख्त नियम हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में किसी भी नागरिक को कैसे नागरिकता मिलती है और इसके लिए क्या नियम हैं. आज हम आपको पाकिस्तान की नागरिकता से जुड़ा नियम बताएंगे.
पाकिस्तान
भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के साथ ही 1947 में पाकिस्तान का जन्म हुआ था. आज पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है. जहां पर सभी नियम इस्लाम से जुड़े हुए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में किसी नागरिक नागरिकता कैसे मिलती है? क्या कोई हिंदू पाकिस्तानी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है? आज हम आपको पाकिस्तानी नागरिकता से जुड़ा नियम बताएंगे.
पाकिस्तान से आने पर भारत की नागरिकता
आज सोशल मीडिया के वक्त दुनियाभर के लोग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया के कारण एक दूसरे से जुड़कर लोग दोस्ती, प्यार और शादी तक कर रहे हैं. लेकिन अब सवाल ये है कि कोई पाकिस्तानी लड़की अगर किसी भारतीय लड़के से शादी करती है, तो क्या उसे भारत की नागरिकता मिल सकती है? गौरतलब है कि कुछ महीने पहले पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर भी एक भारतीय लड़के से शादी की थी.
पाकिस्तानी लड़की से शादी के नियम
पाकिस्तानी लड़की से शादी के लिए कुछ नियम है. बता दें कि हिंदू मैरिज एक्ट व विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत हिंदू व मुस्लिम व्यक्ति अपनी पसंदीदा व्यक्ति से शादी कर सकता है. व्यक्तिगत सहमति के आधार पर कोई भी बालिग व्यक्ति इस एक्ट के तहत शादी कर सकता हैं. इतना ही नहीं इस अधिनियम के तहत भारतीय विदेशी के साथ भी विवाह कर सकते हैं. लेकिन शादी से पहले 30 दिनों का पब्लिक नोटिस देना अनिवार्य होता हैं.
जानकारी के मुताबिक इन नियमों के तहत कोई भी भारतीय शख्स दूसरे देश की महिला या पुरुष के साथ शादी कर सकता है. लेकिन किसी भी कपल को शादी के बाद उसे अपने धर्म के अनुसार विवाह करने के बाद अपनी शादी को अपने धर्म के पर्सनल लॉ के तहत रजिस्टर कराना होता हैं. यदि कोई विदेशी नागरिक हैं, तो उसे अपने देश की एंबेंसी से नो ऑप्जेक्शन सर्टिफिकेट लाना होता हैं. विदेशी शादीशुदा होने की स्थिति में उसे अपनी पिछली शादी की डिवोर्स भी प्रस्तुत करना पड़ता हैं. इस तरह के मामलों में संबंधित भारतीय कानूनी नियमों का पालन करना अनिवार्य होता हैं. इसके बाद ही उस शख्स को भारत की नागरिकता मिल सकती है.
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