ट्रेन से यात्रा करते समय कई लोग अपने साथ कुछ सामान ले जाना पसंद करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन में शराब ले जाना कितना सुरक्षित है? ऐसे में चलिए जानते हैं कि ट्रेन में शराब ले जाना कितना सुरक्षित है और रेलवे के इसे लेकर क्या नियम हैं.
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ट्रेन में शराब ले जायी जा सकती है?
बता दें ट्रेन में शराब ले जाना प्रतिबंधित है. दरअसल शराब एक ज्वलनशील पदार्थ है. अगर ट्रेन में आग लग गई तो शराब की बोतलें इस आग को और फैला सकती हैं, जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है. ऐसे में सुरक्षा कारणों के चलते भी ये प्रतिबंधित है. साथ ही शराब पीकर यात्री शोर मचा सकते हैं, दूसरे यात्रियों को परेशान कर सकते हैं और ट्रेन की व्यवस्था में खलल डाल सकते हैं. इसके अलावा कई राज्यों में शराब पर प्रतिबंध है या शराब की बिक्री और खपत पर कड़े नियम हैं. ऐसे में ट्रेन में शराब ले जाना कानून का उल्लंघन हो सकता है.
रेलवे के नियम क्या कहते हैं?
रेलवे के नियमों के अनुसार, ट्रेन में शराब ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. चाहे वह सीलबंद बोतल हो या खुली, किसी भी रूप में शराब को ट्रेन में ले जाना अपराध है. अगर कोई यात्री शराब ले जाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 165 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
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शराब ट्रेन में ले जाने पर क्या सजा हो सकती है?
शराब ले जाने पर यात्री पर 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही कुछ मामलों में, यात्री को 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है. इसके अलावा शराब ले जाने वाले यात्री का टिकट भी रद्द किया जा सकता है.
ये चाजें भी ट्रेन में ले जाना है मना
शराब के अलावा, कई अन्य वस्तुओं को भी ट्रेन में ले जाने की मनाही है, जैसे स्टोव, गैस सिलेंडर, ज्वलनशील रसायन, पटाखे, तेजाब, बदबूदार वस्तुएं, चमड़ा या गीली खाल और ग्रीस. इन वस्तुओं को ट्रेन में ले जाने पर सजा तक हो सकती है.
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