बुढ़ापे से जवानी और फिर अपने बचपन में भी लौट सकता है इंसान? जान लीजिए क्या है ये रिवर्स एजिंग
एक समय पर सभी बढ़ती उम्र से गुजरते हैं, लेकिन क्या आप रिवर्स एजिंग के बारे में जानते हैं? जी हां, इसमें उम्र बढ़ती नहीं बल्कि कम होती है! वो कैसे, चलिए जानते हैं.
हम सभी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से गुजरते हैं. समय के साथ हमारी त्वचा ढीली पड़ जाती है, बाल सफेद हो जाते हैं और हमारी शारीरिक क्षमता कम होती जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिक अब उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटने पर काम कर रहे हैं? जी हां, आपने सही पढ़ा! रिवर्स एजिंग एक ऐसा वैज्ञानिक तरीका है जिसमें शोधकर्ता उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने या उसे उलटने के तरीकों की खोज कर रहे हैं.
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क्या है रिवर्स एजिंग?
रिवर्स एजिंग का मतलब है बुढ़ापे की प्रक्रिया को उलटकर जवानी की ओर लौटना. सरल शब्दों में कहें तो इस अवधारणा के अनुसार, इंसान का शरीर बुढ़ापे से फिर से युवा अवस्था में आ सकता है. यह सोच पहले अजीब लगती थी, लेकिन अब वैज्ञानिक इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं और इसके बारे में नई-नई रिसर्च कर रहे हैं.
आजकल के विज्ञान और तकनीक के साथ, बुढ़ापे के लक्षणों को धीमा करने या उलटने के कुछ उपायों पर काम हो रहा है. इसमें जेनेटिक इंजीनियरिंग, स्टेम सेल थेरेपी, सेल रिपेयर टेक्नोलॉजी, और नई दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है.
क्यों बढ़ती है उम्र?
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया हमारे डीएनए में होने वाले बदलावों के कारण होती है. समय के साथ हमारे डीएनए में क्षति होती जाती है जिसके कारण हमारी कोशिकाएं ठीक से काम नहीं कर पाती हैं. इसके अलावा, हमारे शरीर में मुक्त कण भी बनते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं.
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रिवर्स एजिंग के तरीके
वैज्ञानिक रिवर्स एजिंग के लिए कई तरह के तरीकों पर काम कर रहे हैं, जिनमें कुछ तरीकों के बारे में हम जानेंगे.
स्टेम सेल थेरेपी: स्टेम सेल्स उन कोशिकाओं को कहते हैं, जो किसी भी तरह की कोशिका में बदलने की क्षमता रखती हैं. इस थेरपी के जरिए शरीर के पुराने और कमजोर अंगों की मरम्मत की जा सकती है, जिससे शरीर फिर से ताजगी महसूस करता है.
जेनेटिक इंजीनियरिंग: शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि कुछ खास जीन होते हैं, जिन्हें वापस लाकर हम शरीर की कोशिकाओं को फिर से जवान बना सकते हैं. यदि इन जीनों को सही तरीके से एक्टिव किया जाए, तो शरीर के अंगों और कोशिकाओं की मरम्मत की जा सकती है.
टेलोमेरेज और टेलोमर्स: हमारे शरीर की कोशिकाओं के अंदर एक संरचना होती है जिसे टेलोमेरेज कहते हैं. जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, टेलोमेरेज की लंबाई कम होती जाती है और इससे कोशिकाओं का बंटवारा धीमा पड़ जाता है, लेकिन अगर इसे फिर से लंबा किया जाए, तो कोशिकाएं फिर से जवानी की स्थिति में लौट सकती हैं.
एंटीऑक्सीडेंट: एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि एंटीऑक्सीडेंट का उपयोग करके उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है.
कैलोरी रिस्ट्रीक्शंस: कई रिसर्च में ये खुलासा हुआ है कि कैलोरी रिस्ट्रीक्शंस उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है.
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