क्या किसी भी ग्रह को तबाह कर सकता है सौर तूफान? जानें धरती पर क्यों मंडरा रहा खतरा
सूर्य की सतह पर सौर तूफान उठ रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सौर तूफान जब पृथ्वी से टकराएंगे, तो क्या-क्या बदलाव हो सकता है. देखिए वैज्ञानिकों ने इसको लेकर क्या कहा..
सूर्य की सतह पर इन दिनों सौर तूफान उठ रहे हैं. यह भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी के ध्रुवों पर अद्भुत रंगों की आभा बिखेर रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सौर तूफान पृथ्वी समेत किसी अन्य ग्रह को नष्ट कर सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि सौर तूफान पृथ्वी के लिए कितना खतरनाक है और बाकी ग्रहों पर इसका क्या असर पड़ेगा.
सौर तूफान
बता दें कि सूर्य की सतह पर उठने वाले इन सौर तूफान का ध्रुवों से टकराना जारी है. माना जा रहा है कि अगले वर्ष तक ये प्रकिया जारी रहने की संभावना है. आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के पूर्व सौर विज्ञानी डा. वहाबउद्दीन ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि हाल के दिनों में सौर तूफानों ने पृथ्वी के दोनों ध्रुवों पर टकराकर औरोरा के खूब रंग बरसाए हैं. औरोरा रंग बिरंगे बादलों की तरह उच्च ऊर्जावान कणों से निकलने वाली रंग-बिरंगी रोशनी है, जिन्हें नार्दन व सर्दन लाइट भी कहा जाता है.
पृथ्वी पर सौर तूफान का असर
वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले एक से दो सालों में एक बड़ा सौर तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है. इस सौर तूफान के पृथ्वी से टकारने का असर धरती पर भी पड़ेगा. लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर स्पेस में मौजूद सैटेलाइट पर पड़ेगा, जिससे संचार भी बाधित हो सकता है. वैज्ञानिक लगातार स्पेस में हो रही इन घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं.
क्या है कैरिंगटन घटना?
कैरिंगटन घटना के दौरान एक शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी से टकराया था. इससे टेलीग्राफ के तारों में आग लग गई थी. दुनियाभर का संचार काट दिया और यहां तक कि जहांजों के कंपास भी बाधित हो गए थे. अंतरिक्ष मौसम एक्सपर्ट्स का मानना है कि जल्द ही आने वाले बड़े सौर तूफानों का सीधा और बुरा प्रभाव हो सकता है. डॉ. मैकडॉवेल ने कहा कि सैटेलाइट ऑपरेटरों के लिए निश्चित तौर पर यह एक डरावना समय है. जिस तरह सोलर मैक्सिमम है, उसी तरह सोलर न्यूनतम भी होता है. तब गतिविधि सूर्य में काफी कम होती है.
सूर्य पर हो सकते हैं 115 सनस्पॉट
बता दें कि साल 2019 के सौर न्यूनतम के दौरान सूर्य की सतह पर सनस्पॉट की संख्या प्रभावी रूप से शून्य थी. यूएस नेशनल स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर का अनुमान है कि साल 2025 में आने वाले सोलर मैक्सिमम के दौरान सन स्पॉट की संख्या 115 हो सकती है. इन सन स्पॉट से सौर ज्वालाएं और प्लाज्मा के शक्तिशाली विस्फोट निकलते हैं, जिसे कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि सौर तूफान सैटेलाइट और जीपीएस में गड़बड़ी पैदा कर सकता है.
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