नरेन्द्र मोदी आज यानी 9 जून रविवार के दिन शाम को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कोई सांसद बिना शपथ लिए सदन में बैठता है, तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है.  


शपथ लेना जरूरी


संविधान के अनुच्छेद 99 में सांसदों द्वारा शपथ लेना अनिवार्य बताया गया है. लेकिन अगर कोई सांसद बिना शपथ लिए सदन में बैठता है, तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि अनुच्छेद 99 के मुताबिक संसद के लोकसभा सदन में अपना स्थान ग्रहण करने से पहले हर सदस्य को राष्ट्रपति या उनकी ओर से इस काम के लिए नियुक्त किए गए व्यक्ति के सामने शपथ लेनी होती है. इस शपथ का प्रारूप संविधान की तीसरी अनुसूची में दिया हुआ है.


जुर्माना


संविधान के मुताबिक सदन के हर सदस्य को शपथ लेना जरूरी होता है. लेकिन अगर कोई बिना शपथ लिए सदन में बैठा है, तो उस स्थिति में संविधान के अनुच्छेद 104के तहत आगे की कार्रवाई होगी. अनुच्छेद 104 के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति अनुच्छेद 99 की आवश्यकताओं (शपथ लेने) का अनुपालन करने से पहले, या जानते हुए कि वह योग्य नहीं है या वह सदस्यता के लिए अयोग्य है या उसे विधि द्वारा ऐसा करने से प्रतिबंधित किया गया है. इस दौरान वो सदस्य के रूप में सदन में बैठता है, तो उसे 500 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है. 


प्रधानमंत्री और सदस्यों की शपथ में अंतर


बता दें कि प्रधानमंत्री और संघ के मंत्रियों को दो शपथ लेनी होती है. एक पद के लिए और दूसरी गोपनीयता की शपथ लेनी होती है. वहीं  संसद के सदस्य को सिर्फ एक ही शपथ लेनी होती है.


प्रधानमंत्री पद की शपथ


मैं <नाम> ईश्वर की शपथ लेता हूं, कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगा. मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक एवं शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा. तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.


गोपनीयता की शपथ


मैं <नाम> ईश्‍वर की शपथ लेता हूं कि जो विषय संघ के प्रधानमंत्री/मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा, उसे किसी भी व्यक्ति या व्‍यक्तियों को तब के सिवाय जबकि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के संवहन निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो. मैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा.


लोकसभा सदस्य की शपथ 


मैं  <नाम> जो लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हुआ हूं, ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूं, उसके कर्तव्यों का श्रद्धा पूर्वक निर्वहन करूंगा.


ये भी पढ़ें: Modi Oath Ceremony: तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी... दो चरण की शपथ में क्या बोलते हैं पीएम?